समाचार मुंगावली जिला अशोकनगर

मुंगावली। रविवार को परम पूज्य राष्ट्रीय संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने नगर के मंडी प्रांगण में विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को इंडिया नहीं कहना चाहिए, भारत कहना चाहिए। इण्डिया का कोई मतलब नहीं है। यह अर्थहीन नाम है। जबकि भारत नाम एक परंपरा का है, यह एक संस्कृति का नाम है। भारतीय देश के लिए अंग्रेजी नाम का इस्तेमाल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत शब्द में एक ताकत है। इस देश के हर व्यक्ति का दिल इस शक्ति से गूंजना चाहिए। आचार्यश्री का कहना है कि भारत का नाम पहले भी था, अभी भी है और आगे भी रहेगा। भारत को इंडिया कहने वाले इसकी संस्कृति से अनभिज्ञ हैं। हम सभी को अपने देश का नाम भारत के नाम से सम्बोधित करना चाहिए। वही उन्होंने कहा कि इंडिया हटाओ, भारत बचाओ के लिए आप लोगो  को अभियान चलाना चाहिए, इसके लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखो। आचार्यश्री ने इंडिया बोलने पर कहा कि इंडिया की कुंडली ठीक नही, भारत की ठीक है, इस पर उन्होंने श्रवण कुमार की कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि अंधे माता पिता को श्रवण कुमार काबड़ को कंधे पर रखकर तीर्थ यात्रा करा रहे यात्रा के दौरान जब वह एक गलत क्षेत्र में पहुचे तो उनका मन बदल गया,   और माता पिता से कहा कि अब में तुम्हे आगे तीर्थ यात्रा नही करा सकता मुझे अब अपनी जिंदगी जीना है। जिस पर माता पिता ने कहा बेटा नही जाना है, कोई बात नही बस अकेली नदी पार करा दो, जिसके बाद श्रवण कुमार आधी नदी तक पहुचे तो उनका मन फिर परिवर्तित हो गया, और वह तत्काल माता पिता से माफी मांगने लगा। जिस पर माता पिता ने कहा बेटा इसमे तुम्हारा कोई दोष नही बह तो जगह का प्रभाव था, जिससे तुम्हारा मन परवर्तित हो गया था। वही आचार्यश्री ने अगर भारत का नाम भी भारत ही रहे तो भाग्य प्रबल हो जाएगा।

मुंगावली से इकबाल  जमीदार की रिपोर्ट