पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण की मांग का मुख्यमंन्त्री के नाम ज्ञापन संचालक,आयुक्त को सौंपा।
भोपाल से मोहम्मद सोहैल खान की रिपोर्ट
भोपाल । पत्रकार सुरक्षा एवं कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय संगठन ” प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स” के प्रतिनिधिमंडल ने आज मध्यप्रदेश के पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण की मांग का मुख्यमंन्त्री के नाम ज्ञापन जनसम्पर्क संचालनालय में संचालक ,आयुक्त को सौंपा।
मुख्यमंन्त्री शिवराजसिंह चौहान के नाम संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ज्यादातर सरकार हमे समाज का हिस्सा ही नहीं मानती है। यदि हमें भी समाज का हिस्सा माना जाता तो जो सामाजिक सुरक्षा अन्य वर्ग के लोगों को हासिल है वह सुविधा हम को ही हासिल हुई होती। आज हम आपके समक्ष मीडियाकर्मियों के लिये कई सामाजिक मांगों का जिक्र कर रहे हैं और आपसे आग्रह कर रहे हैं कि हमारी इन मांगों को लेकर आप उचित कदम उठाये जिससे पत्रकारों भी भरोसा हो सके कि आपकी सरकार पत्रकारों की सुरक्षा एवं कल्याण के प्रति सजग है।
1- पत्रकारों का मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट्स रजिस्टर बनवाने की मांग -केंद्र सरकार हो या प्रदेश सरकार वह सिर्फ उन्हें ही पत्रकार मानती हुए जो उनके यहां के सूचना विभाग में सूचीबद्ध मान्यता प्राप्त होता है। ये संख्या देश के कुल पत्रकारों की संख्या का सिर्फ 15 फीसद है। बाकी बचे 85 फीसद पत्रकार सरकारी सुविधाओं में वचित रह जाते है। बेहतर होगा कि आपकी सरकार पत्रकारों का डाटा बेस लेकर एक मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट्स रजिस्टर तैयार करवाये। जिससे सभी वर्ग के पत्रकारों को सरकारी सुविधायें हासिल हो सके तथा अधिमान्य की भांति गैर अधिमान्य पत्रकार भी योजनाओं से लाभान्वित हो सके।
2 पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित करवाने की मांग – देश में जब कोरोना महामारी आगई है देश भर में लॉकडाउन लगा है। तो पत्रकार इस महामारी की परवाह किये बिना अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने सड़को पर रिपोर्टिंग करने के लिये उतर गए। देश के प्रधानमंत्री व आपने भी में उस समय मीडियाकर्मियों की चिंता की। लेकिन कोरोना योद्धा के केवल अधिमान्य पत्रकारों को घोषित किया गया है। संगठन की मांग है कि सभी मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए व उन तमाम सुविधा उपलब्ध कराई जाएँ। हमारे पत्रकार निःस्वार्थ भाव से फ्रंटलाइन पर पत्रकारिता की गरिमा को कायम रखने के लिए अपने प्राणों तक को दाव पर लगा रहे हैं।
3- पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग -देश में आये दिन पत्रकारों की हत्याएं होती रहती है व उनपर हमले होते रहते है। ज्यादातर मामले या तो दब जाते है या उनपर कोई कार्यवाही होती भी है तो सालों तक मामले अदालतों में चलते रहते है। पत्रकार संगठन बरसों से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग कर रहे है। हमारे संगठन द्वारा भी इस मुद्दे को लेकर कई पत्र केंद्र सरकार व मध्यप्रदेश सरकार को भेजे। किंतु दुखद यह है कि अभी तक केंद्र सरकार या राज्य सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है। लिहाजा पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए।
4 प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स यशस्वी मुख्यमन्त्री से यह अनुरोध करता है कि पत्रकारों के त्यागसमर्पण और सहयोग को नजर अंदाज़ न करें। हम मांग करते हैं कि सब पत्रकार जो प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बतौर पत्रकार ,फोटो ग्राफर या जिसे श्रमजीवी पत्रकार की श्रेणी में रखा गया है को भी फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर लाभ प्रदान किया जाए और जो कोरोना काल में अपने प्राण गवां चुके उनको कोरोना योद्धा घोषित करते हुए 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता उनके परिवार को प्रदान की जाए।
5-मध्यप्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकारों को आयुष्मान योजना से जोड़ा जाए।
6-प्रदेश के पत्रकारों को शासकीय एवं अर्धशासकीय अस्पतालों में उपचार हेतु आरक्षण प्रदान किया जाए।
इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद ख़ालिद क़ैस सहित राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सादिया बाज़ खान ,राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीपी बंशल ,मध्यप्रदेश इकाई सचिव शहाब मलिक एवं आसिफ खान मौजूद थे।