जबलपुर। नर्स भर्ती ठगी कांड के मुख्य आरोपी जबलपुर निवासी दिलशाद खान एवं धर्मानंद और भोपाल निवासी आलोक कुमार बामने के गिरोह में एक डॉक्टर का नाम भी शामिल हो गया है। डॉक्टर रोहित कुमार के नाम पर भी बैंक में पैसे जमा कराने की बात सामने आई है। इधर दूसरी तरफ इस गिरोह द्वारा छात्राओं को नौकरी दिलाने के नाम पर दैहिक शोषण किये जाने का भी खुलासा हुआ है।
कई छात्राओं ने इस बात की पुष्टि की है कि जो छात्राएँ नौकरी के लिए पैसा नहीं दे पाती थीं उसके साथ गिरोह के सदस्य ब्लैकमेल कर उसका दैहिक शोषण भी करते थे। अभी वे छात्राएँ जाँच दल के समक्ष सामने नहीं आई हैं। इस मामले में एसटीएफ अपने स्तर पर खोजबीन कर रही है। यदि दैहिक शोषण की बात सामने आई तो इन आरोपियों पर अलग से मामला दर्ज किया जायेगा। ठग गिरोह को दिलशाद की पत्नी भी सहयोग करती थी। वह छात्राओं की सूची एवं मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराती थी। उसके आधार पर ही गिरोह के सदस्य एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर कॉन्टेक्ट कर छात्राओं से पैसे की डील करते थे।
न्यूनतम 4 लाख एवं अधिकतम 6 लाख रुपये नौकरी के नाम पर वसूले गए। छात्राओं से किश्त में भी पैसे जमा कराये गए। दिलशाद की पत्नी की भूमिका की तस्दीक के बाद ही उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जायेगा। दिलशाद की पत्नी का अस्पताल आदर्श कॉलोनी में है। एक सैकड़ा मामले खुलने के बाद करीब 80 छात्राओं से ठगी की तो पुष्टि हो गई है। बाकी छात्राओं के मामले में तस्दीक का काम जारी है। छात्राओं से ठगी के एक सैकड़ा मामलों में से किसका दैहिक शोषण किया गया है उसकी भी पूछताछ की जा रही है। जबलपुर, भोपाल, इंदौर के अलावा रीवा, सागर, सिवनी, छिंदवाड़ा आदि जिलों की छात्राओं ने तो ठगी की लिखित शिकायतें की हैं।