बृजेश खण्डेलवाल की रिर्पोट
अलीराजपुर -शासन के गलत नीतियों के कारण कभी कभी जवाबदार पद में ऐसे लोग भी आ जाते हैं जिन पर योग्यता के नाम पर सिर्फ डिग्री होती है जमीनी हकीकत से कोसों दूर होते हुए अपने निजी आर्थिक स्वार्थ के चलते शासन को लाखों रुपए का चूना लगा कर अपनी जेब भरते हैं ऐसा ही मामला बीते वर्षों में जोबट जनपद के अंदर देखने को मिला जब से जोबट में जनपद सीईओ के पद पर दीपिका कोटस्थाने ने कार्यभार संभाला है तब से वह भ्रष्टाचार के मामले में अंकुश लगाने में नाकाम रही ओर उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार का प्रमुख केंद्र बनकर जोबट जनपद ने अपनी जिले में पहचान बनाई बीते दिनों जोबट जनपद क्षेत्र में आला अधिकारी के संरक्षण के चलते योजनाबद्ध तरीके से लाखों के फर्जी बिल लगा कर उनका बेरोकटोक भुगतान हुआ वैसे ही जोबट जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमलाया के ग्राम पनेरी सिंघाड़ फलिया मैं योजनांतर्गत 2015 /16 में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत 11 लाख 1200 हजार का तालाब शासन द्वारा स्वीकृत हुआ था वहां पदस्थ सब इंजीनियर रमेश अजनार सरपंच आदि ने मिलकर भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से उक्त तालाब फर्जी बिल लगाने वाले ठेकेदार को दे दिया ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण करके लाखों रुपए का भ्रष्टाचार खुलेआम किया गया जब स्थानीय ग्रामीणों ने भूस्वामी सावलिया जाम सिंह,सालम सिंह, उक्त तालाब के भ्रष्टाचार की पोल मीडियाकर्मी कर्मी के सामने खोली तो उक्त मामले को पूर्व जोर शोर से उठाया गया जिस का जनपद सीईओ दीपिका कोटस्थाने ने खुद जाकर निरीक्षण किया ओर मामले को रफा दफा करने के लिये अपने विश्वस्त सहयोगी कर्मचारी नरेगा एसडीओ सूरज सिंह सिसोदिया असिस्टेंट इंजीनियर को जांच का जिम्मा सौंप दिया उनके द्वारा जांच में यह पाया गया कि उक्त ग्रामपंचायत ने स्टीमेट से अधिक कार्य किया गया जबकि वर्तमान जमीन हकीकत आश्चर्यजनक है की उस तालाब में आज तक पैच वर्क नहीं हुआ और ना ही अधिकारियों के दौरे करने के बाद वहां पर किसी प्रकार का निर्माण या सुधार हुआ आज भी पेच वर्क के पत्थर वहां पड़े हुए हैं जिसके आस-पास पेड़ पौधों उग गए।
आला अधिकारी नहीं करते किसी प्रकार की कार्रवाई
जिले की स्थिति यह है कि जिले के जिम्मेदार आला अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के कारण राजनीतिक दबाव मैं भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी पर किसी प्रकार की कार्यवाही करने पर दूरी बनाकर रखते हुवे अपनी नौकरी बचाने की जुगाड़ में एवं घर भरने में व्यस्त रहते हैं जिसके कारण चुनिंदा सरपंच सचिव को मोहरा बनाकर शासकीय राशि को डकारने का काम योजनाबद्ध रूप से करते हैं और सरपंच सचिव के निर्माण संबंधित शिकायत होने पर यह पूरा मामला संबंधित एजेंसी में डालकर उस पर जांच के नाम पर दबाव बनाकर और अपने आर्थिक हितों की पूर्ति करते हैं
विधायक ने कि जोबट जनपद क्षेत्र की भ्रष्ट पंचायत की जांच की मांग
जोबट विधायक कलावती भूरिया ने कल कलेक्टर के सामने जोबट की चुनिंदा पंचायतों की भ्रष्टाचार की जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की जिन पंचायतों की जांच की मांग की गई है वह पंचायत भाजपा समर्थित मानी जाती है जबकि जोबट जनपद क्षेत्र में अधिकारियों के संरक्षण के चलते कई कांग्रेसी समर्थित सरपंचों की पंचायतों में भी खुलकर भ्रष्टाचार हुआ है इससे बड़ी विडंबना है क्या होगी की जोबट जनपद की मुखिया खुद मौके में जाकर निरीक्षण करती है और उसके 8 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी स्टीमेट से अधिक कार्य होने का प्रमाण संबंधित एजेंसी को भ्रष्ट सब इंजीनियर को दे दिया जाता है जिससे ऐसे भ्रष्ट सब इंजीनियर ठेकेदार निर्माण एजेंसी पर जब तक सख्त कार्रवाई प्रशासन नहीं करेगा तब तक इस जनपद क्षेत्र से भ्रष्टाचार मिटाना एक थोथा सपना होगा।