स्वस्थ लोकतंत्र को आकार देने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है

 

सैयद खालिद कैस

संस्थापक अध्यक्ष

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट

 

आज सम्पूर्ण देश भारतीय गणराज्य के सबसे बड़े संविधान लागू होने के स्वरूप मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस की वर्षगांठ मना रहा है। 26 जनवरी 1950 के दिन ‘भारत सरकार अधिनियम’को हटाकर भारत के नवनिर्मित संविधान को लागू किया गया, तब हम अपने भारत को पूर्ण स्वतन्त्र कह सके। इसलिए 26 जनवरी के इस दिन की गरिमा को ध्यान में रख कर 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। संविधान निर्माण तथा उसकी प्रस्तावना के पीछे पत्रकार समाज की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। गाहे बगाहे हमारी स्वतंत्रता तथा संविधान के पीछे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसे में आजादी के 75वर्ष गुजर जाने के बावजूद लोकतंत्र की रीढ़ कहे जाने वाले मीडिया की स्वतंत्रता अब भी कहीं न कहीं अधूरी लगती है। देश के बदलते हालात के बीच जिस तरह पत्रकारिता पर हमले हो रहे हैं उससे कोई अनभिज्ञ नही है।

स्वस्थ लोकतंत्र को आकार देने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह लोकतंत्र की रीढ़ है। मीडिया हमें दुनिया भर में होनेवाले विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों से अवगत कराता है। यह एक दर्पण की तरह है, जो हमें दिखाता है या हमें सच्चाई और कठोर वास्तविकताओं को दिखाने का प्रयास करता है।

मीडिया ने नि:संदेह विकास किया है और हाल के वर्षों में अधिक सक्रिय हो गया है। यह मीडिया ही है, जो राजनेताओं को चुनाव के समय अपने अधूरे वादों के बारे में याद दिलाता है। चुनाव के दौरान न्यूज़ चैनल अत्यधिक कवरेज लोगों तक पहुंचाता है; विशेषकर अशिक्षित व्यक्ति को भी सत्ता के चुनाव में मदद करता है। यह अनुस्मारक सत्ता में बने रहने के लिए राजनेताओं को अपने वादे के लिए मजबूर करता है। टेलीविजन और रेडियो ने ग्रामीण लोगों को अपनी भाषा में सभी घटनाओं के बारे में जागरूक करने में ग्रामीणों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। गांव के सिर और धन के शोषणकर्ताओं के शोषण के अपशिष्टों के कवरेज ने सरकार के ध्यान को आकर्षित करके उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने में मदद की है।

मीडिया भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कमियों को उजागर करता है, जो आखिरकार सरकारों को कमियों की रिक्तता को भरने और एक प्रणाली को अधिक जवाबदेह, उत्तरदायी और नागरिक-अनुकूल बनाने में मदद करता है।

 

मीडिया के बिना एक लोकतंत्र पहियों के बिना वाहन की तरह है।

सूचना प्रौद्योगिकी की उम्र में हम जानकारी के साथ बमबारी कर रहे हैं। हम सिर्फ एक माउस के एक क्लिक के साथ विश्व की घटनाओं की नब्ज प्राप्त करते हैं। सूचना के प्रवाह में कई गुना बढ़ गया है। राजनीति और समाज में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को उजागर करने में प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन (पत्रकार) के सही मिश्रण ने एक भी पत्थर नहीं छोड़ा है।

 

पिछले कुछ वर्षों में मीडिया पर लगातार हमले बढ़े हैं।पत्रकारों की देश भर में हो रही लगातार हत्याओं,अत्याचारों,प्रताडनाओ के खिलाफ अभियान चलाने वाले अखिल भारतीय संगठन प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट लगातार पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए देश भर में मज़बूती से आवाज़ उठा रहा है। पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत संगठन ने तमाम देश के पत्रकारों को आव्हान किया है कि अपनी सुरक्षा एवम कल्याण के लिए जागृत होकर देशव्यापी अभियान में सहयोग प्रदान करें।

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट की ओर से गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं