मध्यप्रदेश साथ-साथ स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्यवाही करें – मुख्यमंत्री श्री चौहान
बच्चों-पालकों तथा स्टाफ को पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों पर किया जाए जागरूक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल के निजी स्कूल की बस में हुई घटना के संबंध में बुलाई आपात बैठक
भोपाल : 15 सितंबर, 2022
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल के एक निजी स्कूल की बस में बेटी के साथ हुई वारदात विश्वास को हिला देने वाली घटना है। माता-पिता अपने बच्चों को भरोसे पर स्कूल भेजते हैं, यह भरोसा बनाए रखना स्कूल प्रबंधन का दायित्व है। दोषी ड्रायवर और आया के खिलाफ कार्यवाही के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रातः 7:00 बजे बुलाई आपात बैठक में यह निर्देश दिए। निवास कार्यालय पर हुई बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, भोपाल संभाग आयुक्त श्री गुलशन बामरा, पुलिस कमिश्नर श्री मकरंद देउसकर, कलेक्टर भोपाल श्री अविनाश लवानिया तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा वर्चुअली सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्कूल बसों में चलने वाले स्टाफ का वेरिफिकेशन स्कूल प्रबंधन की जवाबदारी है। बच्चों को हम दरिंदों के हवाले नहीं छोड़ सकते। बस में सीसीटीवी कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे, यह स्कूल प्रबंधन को देखना चाहिए था। यह स्कूल प्रबंधन का दायित्व है। समाज में यह संदेश नहीं जाए कि प्रभावशाली व्यक्तियों पर कार्यवाही नहीं होगी। यह विश्वास मजबूत होना चाहिए कि सरकार है तो अपराधी छूटेंगे नहीं, निश्चित समय में कड़ी कार्यवाही की जाए, ताकि प्रबंधन अपनी जवाबदारी और दायित्व समझे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल के सभी स्कूलों के ड्रायवरों तथा बसों में चलने वाले स्टाफ का परीक्षण हो। अपराधी रिकॉर्ड और चारित्रिक रूप से दोषी व्यक्तियों को ना रखा जाए। इस स्टाफ के प्रशिक्षण और कानूनी प्रावधानों के संबंध में कार्यशाला आयोजित की जाएं। इसके साथ ही बच्चों और पालकों में पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के संबंध में जागरूकता और जानकारी पर केन्द्रित प्रशिक्षण सभी शासकीय और निजी शालाओं में आयोजित किए जाएं। पुलिस भी पालकों और समाज के साथ प्रभावी तरीके से इस विषय पर संवाद करें।
बैठक में पुलिस आयुक्त श्री मकरंद देउस्कर ने घटना तथा अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देते हुए बताया कि बस के अन्य बच्चों तथा उनके पालकों को विश्वास में लेकर यह जानने की कोशिश भी की जा रही है कि किसी अन्य के साथ इस प्रकार की घटना तो नहीं हुई है।