नामवापसी के बाद तस्वीर साफ:
मप्र उपचुनाव में मंत्री भदौरिया की सीट मेहगांव में
सबसे ज्यादा 44 उम्मीदवार, मंत्री राजपूत के सामने 28
मालवा-निमाड़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला
ग्वालियर-चंबल की 10 से ज्यादा सीटों पर बसपा दिखाएगी दम

इंदौर। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। सोमवार को नाम वापसी का आखिरी दिन था। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर 532 प्रत्याशियों के नामांकन फार्म मान्य किए गए हैं। 74 नामांकन रद्द किए गए हैं। गोहद, जौरा और पोहरी से तीन उम्मीदवारों ने आखिरी दिन नाम वापस ले लिए हैं।
अब सबसे ज्यादा 44 प्रत्याशी मेहगांव विधानसभा सीट पर हैं। यहां पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के हेमंत कटारे और बागी ओपीएस भदौरिया के बीच है। भदौरिया भाजपा सरकार में मंत्री हैं। यहां से तीन प्रत्याशियों का नॉमिनेशन कैंसिल किया गया है। मंत्री गोविंदसिंह राजपूत की सीट सुरखी से उनके समेत कुल 29 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं।वहीं, सबसे कम 7 प्रत्याशी नेपानगर सीट पर मैदान में हैं। यहां पर कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुईं सुमित्रा कास्डेकर का मुकाबला रामसिंह पटेल से है।
सभी 28 सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। बसपा ने सभी 28 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इसमें बसपा ग्वालियर-चंबल की करीब 10 सीटों पर असरदार साबित हो सकती है, यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है।
28 में से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था
अब जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था और सरकार में वापसी करने के लिए उसे इन सभी सीटों पर पूरी ताकत लगाना होगी। 230 सदस्यीय राज्य विस में बहुमत के लिए 116 सीटें होना जरूरी हैं। दांगी के निधन के बाद मप्र विधानसभा की सदस्य संख्या 202 रह गई है। कांग्रेस के पास 88 विधायक बचे हैं तो भाजपा के पास 107 विधायक हैं। बसपा-सपा व निर्दलीय विधायकों में से ज्यादातर जिसकी सरकार होगी, उसके साथ रहने के बयान दे चुके हैं।
कांग्रेस से 22 विधायकों ने दे दिया था इस्तीफा
मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। प्रदेश में 10 मार्च को कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था और कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाकर गिरा दिया था। इस घटनाक्रम के बाद 12 जुलाई को बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और 17 जुलाई को नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कासडेकर ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली। 23 जुलाई को मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली। इस तरह अभी तक 25 विधायकों ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। वहीं तीन विधायकों का निधन हो गया है।
इन सीटों पर जीती है बसपा
ग्वालियर-चंबल की जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले है, उनमें से मेहगांव, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर, डबरा,करैरा और अशोकनगर सीट पर बसपा पूर्व के चुनावों में कभी न कभी जीत दर्ज कर चुकी है।
ग्वालियर-चंबल संभाग में कितनी वजनदार है बसपा
बसपा का दावा है कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग की 15 सीटों पर उसे निर्णायक वोट मिले थे। दो सीटों पर उसके प्रत्याशी दूसरे क्रम पर रहे, जबकि 13 सीटें ऐसी थीं, जहां बसपा प्रत्याशियों को 15 हजार से लेकर 40 हजार तक वोट मिले थे। ग्वालियर-चंबल की जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें से मेहगांव, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर, करैरा और अशोकनगर में पूर्व में बसपा जीत दर्ज करा चुकी है।
पिछले चुनाव में गोहद, डबरा और पोहरी में बसपा दूसरा दल रहा, जबकि ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और मुंगावली में उसकी मौजूदगी नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हुई। डेढ़ साल पहले मुरैना में भाजपा की पराजय में बसपा की मौजूदगी प्रमुख कारण था। इसके अलावा पोहरी, जौरा, अंबाह में बसपा के चलते भाजपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी।
इन सीटों पर नतीजे प्रभावित करती बसपा
2018 के विधानसभा चुनाव में गोहद, डबरा और पोहरी में बसपा दूसरे नंबर पर रही है। वही ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, और मुंगावली में उसकी मौजूदगी नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हुई है। मुरैना में बीजेपी की पराजय में बसपा की मौजूदगी प्रमुख कारण रहा था। इसके अलावा पोहरी, जौरा, अंबाह में बसपा के चलते भाजपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी। इस बार के चुनाव में भी मुरैना, जोरा, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, भांडेर,पोहरी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है।
बसपा को किस सीट पर कितने वोट मिले
डेढ़ साल पहले विधानसभा आम चुनाव में बसपा ने ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर निर्णायक वोट हासिल किए थे। इनमें अंबाह 22179, अशोकनगर 9559, करैरा 40026, ग्वालियर 4596, ग्वालियर पूर्व 5446, गोहद 15477, डबरा 13155, दिमनी 14458, पोहरी 52736, भांडेर 2634, मुंगावली 14202, मुरैना 21149, मेहगांव 7579, बमोरी 7176, सुमावली 31331 एवं जौरा में बसपा प्रत्याशी को 41014 वोट मिले थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति
भाजपा- 107
कांग्रेस – 88
निर्दलीय – 4
बसपा- 2
सपा- 1
रिक्त- 28
उपचुनाव में 28 सीटों की स्थिति
विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस भाजपा मान्य रद्द नाम वापस
मेहगांव हेमंत कटारे ओपीएस भदौरिया 44 03 00
सुरखी पारुल साहू गोविंद सिंह राजपूत 29 01 00
मलहरा रामसिया त्रिपाठी प्रद्युम्न सिंह लोधी 29 05 00
सांची मदनलाल चौधरी प्रभुराम चौधरी 16 06 00
ग्वालियर पूर्व मुन्ना लाल गोयल सतीश सिकरवार 18 08 00
गोहद मेवाराम जाटव रणवीर जाटव 22 03 01
मुरैना राकेश मवई रघुराज सिंह कंषाना 21 01 00
सांवेर प्रेमचंद्र गुड्डू
तुलसीराम सिलावट 20 00 00
जौरा पंकज उपाध्याय सूबेदार सिंह सिकरवार 19 05 01
उबरा सुरेश राजे इमरती देवी 15 04 0
पोहरी हरिबल्लभ शुक्ला सुरेश धाकड 19 02 01
अंबाह सत्यप्रकाश सिकरवार कमलेश जाटव 18 01 00
भांडेर फूल सिंह बरैया रक्षा संतराम सिरौनिया 21 03 00
मुंगावली कन्हैया राम लोधी बृजेंद्र सिंह यादव 17 03 00
करैरा प्रागीलाल जाटव जसमंत जाटव 22 04 00
दिमनी रविंद्र सिंह तोमर गिर्राज दंडोतिया 20 01 00
हाटपिपल्या राजवीर सिंह बघेल मनोज चौधरी 16 04 00
बमोरी कन्हैया लाल अग्रवाल महेंद्र सिंह सिसोदिया 22 02 00
अशोकनगर आशा दोहरे जजपाल सिंह जज्जी 12 03 00
सुवासरा राकेश पाटीदार हरदीप सिंह डंग 14 02 00
ग्वालियर सुनील शर्मा प्रद्युम्न सिंह तोमर 16 01 00
अनूपपुर विश्वनाथ सिंह बिसाहूलाल सिंह 21 00 00
मांधाता उत्तम राज सिंह नारायण पटेल 12 03 01
सुमावली अजब कुशवाहा ऐंदल सिंह कंषाना 12 02 00
आगर-मालवा विपिन वानखेड़े मनोज ऊंटवाल 14 01 00
नेपानगर रामसिंह पटेल सुमित्रा कास्डेकर 07 03 00
ब्यावरा रामचंद्र दांगी नारायण सिंह पंवार 15 00 00
बदनावर कमल पटेल राजवर्धन सिंह दत्तीगांव 21 03 00