भोपाल। यह तो सर्वविदित ही है कि शिवराज सिंह चौहान भाजपा में यदि किसी से खतरा महसूस करते हैं तो वो हैं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती। जैसे ही उमा भारती को भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव प्रत्याशी बनाए जाने की खबरें मीडिया में आईं, शिवराज सिंह चौहान का संतुलन बिगड़ गया। वो दमोह में थे। मीडिया ने जब उनसे इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी तो मामाजी बिखर गए, बोले ‘मैं यहां नामांकन दाखिल करवाने आया हूं ना कि प्रेस कांफ्रेंस।’
बता दें कि लगभग हर रोज यहां तक कि शहीदों के यहां शोक व्यक्त करने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान कैमरे देखते ही कोई ना कोई बयान देते ही हैं। सुर्खियों में बने रहने के लिए जितना श्रम शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं, मध्यप्रदेश में कोई दूसरा नेता नहीं कर रहा, लेकिन दमोह में जब मीडिया सामने आई तो शिवराज सिंह शायद असामान्य थे। शिवराज सिंह दमोह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी प्रह्लाद पटेल का नामांकन दाखिल कराने पहुंचे थे. तभी मीडिया ने उनसे भोपाल सीट से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने कहा, ”ये पार्टी तय करेगी कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। मैं यहां नामांकन दाखिल करवाने आया हूं ना कि प्रेस कांफ्रेंस।”
बता दें कि उमा भारती के दिल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी हाथ से निकल जाने की कसक आज भी उतनी ही है। पिछले दिनों उन्होंने झांसी से लोकसभा चुनाव ना लड़ने का ऐलान कर दिया था। स्वभाविक है उमा भारती वापस मध्यप्रदेश में सक्रिय होने का मन बना रहीं हैं। इधर शिवराज सिंह चौहान पूरी ताकत लगा रहे हैं कि उमा भारती को मध्यप्रदेश की राजनीति में घुसने से रोका जाए। हालात यह हैं कि वो खुद भोपाल से चुनाव लड़ने को तैयार हैं परंतु अब आरएसएस और पार्टी दोनों उनके नाम पर तैयार नहीं है।