भोपाल । मध्यप्रदेश में दिसम्बर माह में स्टेट बार कौंसिल चुनाव हैँ , प्रदेश भर के वकील जो की चुनाव में भाग्य आजमाना चाह्ते हैँ बर्षो से सक्रिय हैँ और सबसे ज़्यादा सक्रिय वह हैँ जो वर्षो से स्टेट बार कौंसिल पर कब्ज़ा जमाए बैठे हैँ । वह मठाधीश जो 15साल की भाजपा सरकार में प्रदेश के वकीलों के लिए कुछ नही कर पाए । सत्ता बदलते ही बिलों से निकले और वकीलों को हड़ताल के लिए उकसाने लगे हैं । प्राप्त जानकारी अनुसार 23से 28सितम्बर तक स्टेट बार कौंसिल नें मध्यप्रदेश में वकीलों की हड़ताल की घोषणा कर दी । परन्तु पहली बार स्टेट बार कौंसिल के इस तुगलकी फरमान का खुलकर विरोध हो रहा है। कारण हैं प्रदेश के वकील जानते हैँ कि यह सब चुनावी राजनीति है । वकीलों के हित की लड़ाई नही । प्रदेश की कमलनाथ सरकार के ख़िलाफ़ माहौल बनाना महज़ इनका उददेश्य है । वकील समुदाय जानता है कि 15साल के भाजपा शासन में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट नही बना । स्टेट बार कौंसिल में वर्षो से जमे मठाधीश प्रदेश के वकीलों के लिए भाजपा सरकार से क़ानून नही बनवा पाए । अब चुनाव नज़दीक हैँ तो वकीलों को लालीपाप दिखाने के लिए हड़ताल की घोषणा कर दी । यह स्टेट बार कौंसिल वाले भी जानते हैँ और वकील भी कि हड़ताल से कुछ हासिल नही होगा । जहाँ तक एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का सवाल है तो कमलनाथ सरकार पहले ही कह चुकी है कि सरकार अपना वचन निभाएगी और क़ानून बनाएगी । हड़ताल के सम्बन्ध में राजधानी भोपाल के वकील विरोध के पक्ष में हैँ उनका कहना है हड़ताल जरूरी नही है ।

प्रदेश के विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा नें हड़ताल के सम्बन्ध में पूछे जाने पर कहा कि हमारी सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बना तो रही है फ़िर भी वकील हड़ताल की धमकी देते हैँ । हम प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए वचनबद्ध हैँ ।

हड़ताल के सम्बन्ध में कॉंग्रेस विधि एवं मानव अधिकार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र बब्बर ने कहा हम हड़ताल का समर्थन नही करते । कॉंग्रेस सरकार क़ानून बनाने को वचनबद्ध है तो हड़ताल क्यो । उन्होने कहा कि भाजपा मानसिकता वाले लोग कमलनाथ सरकार को बदनाम करने के हथकंडे आज़मा रहे हैँ , जिनको हम कामयाब नही होने देंगे ।

हड़ताल के सम्बन्ध में अधिवक्ता सम्मान समिति के अध्यक्ष प्रियनाथ पाठक का कहना है कि हड़ताल किसी मामले को हल करने का सही तरीका नही । इससे न्यायालयीन करवाई अवरूद्ध होगी , जनता और वकीलों का अहित होगा ।कुछ स्टेट बार के सदस्य और जबलपुर के अधिवक्ता संघ की सहमती को पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओ की सहमति समझने की भूल कर रहे है स्टेट बार कौंसिल अध्यक्ष ।

भोपाल बार एसोसिएशन के वर्षो से मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता रहे ख़ालिद हफीज़ ने कहा कि हड़ताल से वकीलों की समस्याओ का निराकरण नही होगा । सरकार से चर्चा से ही समाधान होगा । हड़ताल समस्या निर्मित करेगी ।

राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद अध्यक्ष सैयद ख़ालिद कैस ने स्टेट बार कौंसिल के द्वारा हड़ताल की घोषणा को राजनीति बताया । 15साल की भाजपा सरकार में स्टेट बार कौंसिल ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू कराने के लिए हड़ताल नही की । सरकार से लाभ उठाकर वकीलों को बेवकूफ़ बनाया । अब चुनाव क़रीब है तो हड़ताल कर रहे हैं। भोपाल का वकील अब बहकावे में नही आएगा । भोपाल में हाई कोर्ट बैंच के ख़िलाफ़ रहें लोगों के साथ भोपाल का वकील नही रहेगा ।