शिवराज सरकार का पत्रकार समाज के साथ मजाक बर्दाश्त नहीं
भोपाल। प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के संस्थापक अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने शिवराज सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में जल्द ही पत्रकारों की मांग पर राज्य स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिये भी लैपटाप योजना का शगूफा विधानसभा चुनाव से पूर्व छोड़ने की आलोचना करते हुए कहा शिवराज सरकार पत्रकार के साथ मजाक न करे।यदि पत्रकारों की चिंता है तो अविलंब पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे।
श्री कैस ने कहा कि कमलनाथ सरकार को बिकाऊ विधायको के बल पर हथियाने के बाद से शिवराज सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नही की जो पत्रकार हितेषी हो।जबकि प्रदेश में जनसंपर्क का प्रभार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ही सम्हाल रहे हैं। पत्रकार संगठनों की लगातार मांगो को नजर अंदाज कर शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा ऐसे समय में राज्य स्तरीय पत्रकारों को लैपटाप उपलब्ध कराने का शगूफा छोड़ा है जब पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ने गत दिनों पत्रकार सुरक्षा कानून विधानसभा में पारित कराया है अपनी नाकामी छुपाने के लिए शिवराज मामा ने पुन:पत्रकारों के बीच यह शगूफा छोड़ा है। मुठ्ठी भर राज्य स्तरीय पत्रकारों को लैपटाप उपलब्ध कराने की योजना की आड़ में लाखों पत्रकारों को ठगने की मंशा कामयाब नही होने दी जाएगी।
ज्ञांतव्य है कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 2014 अक्टूबर नवंबर में राज्य स्तरीय पत्रकारों को लैपटाप उपलब्ध कराये थे। सभी राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों को 40 हजार रूपये तक लैपटाप के लिये राशि उनके खाते में दी गई थी, ताकि वह अपनी पसंद का सुविधा से लैपटाप खरीद सकें। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 2014 की अपनी इस योजना को पुनः लागू कर सकते हैं, इसके लिये उनके पसंदीदा अधिकारी योजना को तैयार कर रहे हैं। ताकि इस बहाने अपनी नाकामी को छुपाया जा सके।
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के संस्थापक अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने प्रदेश के तमाम पत्रकारों को आव्हान करते हुए कहा कि इस विधान सभा चुनाव से पूर्व अपनी एकता का परिचय देते हुए अपनी सुरक्षा तथा कल्याण के लिए शिवराज सरकार की कोरी कल्पना रूपी घोषणाओ की चाल में न फंसे।