विजया पाठक
पूरे देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है l प्रदेश के अधिकांश शहरों में लॉक डाउन के बावजूद हर दिन को कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है l प्रशासन दिन-रात लगा हुआ है कि किसी भी तरह प्रदेश को कोरोना संक्रमित होने से बचाया जा सकता है l प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अकेले पूरी मुस्तैदी के साथ स्थितियों को संभाल रहे हैं क्योंकि प्रदेश अभी सिर्फ शिवराज जी ने ही पद की शपथ ली है मंत्रिमंडल का गठन होना बाकी है लेकिन मौजूद परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि मंत्रिमंडल का गठन करना अति आवश्यक है l खासकर स्वास्थ्य विभाग गृह विभाग वित्त विभाग और जनसंपर्क विभाग के मंत्री बनना बेहद जरूरी है इन विभागों के मंत्री ना होने के कारण कहीं ना कहीं व्यवस्था को संभालने में समस्याओं का सामना करने में परेशानी हो रही है l आखिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अकेले कब तक इस बड़ी महामारी से लड़ते रहेंगे l शिवराज जी को चाहिए कि वह पूरे मंत्रिमंडल का नहीं तो कम से कम कुछ खास विभागों के मंत्रियों को बनाएं l यदि सरकार में कुछ मंत्रियों की नियुक्ति हो जाती है तो स्थितियां जल्द संभल जाएंगी और मुख्यमंत्री को भी अपने कामकाज में सहूलियत होगी l यह बात भी सच है कि वर्तमान समय में शासन प्रशासन स्तर पर कोरोना वायरस से लड़ने के संबंधित कार्य हो रहे हैं कोरोना संक्रमण को रोकने और प्रभावितों को सहायता पहुंचाने में पूरा शासन प्रशासन लगा हुआ हैं l सरकार की पहल और प्रयासों के परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं काफी हद तक प्रदेश में कोरोना वायरस कंट्रोल में है l लेकिन यह प्रयास कब तक करने पड़ेंगे इसकी सटीक जानकारी अनिश्चित है l ऐसे हालातों में शासन तंत्र का मौजूद होना जरूरी है l खासकर स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी दिन रात मेहनत कर परिस्थितियों से जूझ रहे हैं l सरकार को भी चाहिए कि इन विभागों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करें ताकि किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए lयदि इनसे संबंधित विभाग के मंत्री होंगे तो आने वाले समय में परेशानियां नहीं आएंगी देखने में आ रहा है कि कोरोना जैसे संक्रमण से लड़ने के लिए कमियां मिल रही है जैसे संक्रमण की जांच दवाओं की अनउपलब्धता यह ऐसी बुनियादी जरूरतें हैं कि जिन में युद्ध स्तर पर काम करने की आवश्यकता है इसलिए आवश्यक है कि प्रदेश में धीरे धीरे कर सरकार को पूरा तंत्र खड़ा करना होगा क्योंकि यह विपत्ति कम होगी स्पष्ट नहीं है जितनी जल्दी हो सके शिवराज जी मंत्रिमंडल का गठन करें l
यह तो वर्तमान परिस्थिति है l परंतु संवैधानिक दृष्टिकोण से देखें तो भी मंत्रिमंडल का गठन होना चाहिए l क्योंकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद के परन्तुक 164 (1A) में किसी भी मंत्रीमण्डल की संख्या क्या हो,सुनिश्चित किया गया है,जो सदन में उस राजनैतिक दल की सदस्य संख्या के अनुपात में 15 प्रतिशत से अधिक न हो,किन्तु मुख्यमंत्री सहित कम से कम 12 सदस्य मंत्रीमण्डल में होना आवश्यक है। संविधान के उक्त अनुच्छेद के अनुसार म.प्र में श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक सप्ताह बीत चुका है और प्रदेश में मंत्रीमण्डल अस्तित्व में नहीं है, सिर्फ शिवराज जी ही मुख्यमंत्री के नाते कार्य कर रहे हैं?
अनुच्छेद-163 यह कहता है कि किसी भी राज्य में मंत्रिमण्डल नहीं होने की वजह से मुख्यमंत्री एक मुखिया होने के नाते राज्यपाल को न कोई सलाह दे सकते हैं और न हीं अनुच्छेद-166 के अंतर्गत कोई राज्य सरकार किसी भी प्रकार का कोई आदेश नहीं निकाल सकती है? जब मंत्रीमण्डल ही अस्तित्व में नहीं है,तो संवैधानिक तौर पर ऐसे आदेश स्वतः शून्य माने जाते है l