ब्लैक फंगस या म्युकोरमाइसिस रोग के भोपाल में बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत रोकथाम और बचाव के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से सजगता और सतर्कता बरतने का आग्रह किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित तथा पोस्ट कोविड संक्रमण से निरोग हुए व्यक्तियों में ब्लैक फंगस रोग के प्रकरण परिलक्षित हो रहे है। ब्लैक फंगस या इनवेसिव म्युकोरमईसिस एक फंगल संक्रमण है जो की संक्रामक नहीं है। अर्थात एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण नहीं होता है। प्राय: यह संक्रमण रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी वाले व्यक्तियों में, अनियंत्रित मधुमेह, श्वसन गुर्दा रोग के रोगी, केंसर के रोगी तथा मध्यम, गंभीर कोविड रोगियों में ही परिलक्षित हो सकता है। ब्लैक फंगस रोग के इलाज के लिए यह आवश्यक है कि इस रोग की शीघ्र पहचान की जाये।
ब्लैक फंगस रोग के प्रारम्भिक लक्षण में नाक बंद होना, नाक से काले रंग का डिस्चार्ज होना, नाक के आसपास गालों में सूजन, चेहरे में दर्द, सुन्नपन एवं सूजन आना, लगातार सिरदर्द होना, मुख से बदबू आना, सीने में दर्द साँस लेने में दर्द होना, आँखों में दर्द के साथ धुंधला दिखाई देना, खून की उल्टी होना ओर मानसिक भ्रम होना शामिल है।
ब्लैक फंगस के इलाज की व्यवस्था के लिए डेडिकेटेड यूनिट की स्थापना एम्स,हमीदिया सहित अन्य निजी संस्थानों में की गई है। यह संक्रमण अनियंत्रित डायबिटीज रोगी, पूर्व से उपचार पा रहे श्वसन अथवा गुर्दा रोग के रोगी, केंसर, अंग प्रत्यारोपण या इम्यूनोसप्रेसिव के रोगियों में भी हो सकता है, सभी कोविड संदिग्ध, पुष्ट रोगी या डिस्चार्ज रोगियों में डायबिटीज की उचित पहचान ओर नियंत्रण आवश्यक है। कोविड-19 के उपचारित रोगी छुट्टी के बाद भी घर पर 4 से 6 सप्ताह तक नमक पानी के गरारे एवं नाक साफ करते रहें।