नई दिल्ली । प्रेस कौंसिल ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट इंडिया की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज जोशी ने जाने माने मिडिया पर्सनालिटी विनोद दुआ के खिलाफ़ दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के मामले की तीखी निंदा करते हुऐ इसे पत्रकारिता पर हमला बताया । श्रीमती जोशी ने कहा आये दिन पत्रकारों पर हमला होना उनके विरुध्द झूठे मुकदमे दर्ज होना अब आम बात हो गई है । पत्रकारों को अब माफिया और राजनेताओ से अधिक अब पुलिस प्रशासन की गुंडागर्दी का शिकार होना पड़ रहा है । अभी विनोद दुआ का मामला ठंडा भी नही हुआ था कि राजस्थान के पाली जिले के पत्रकार पर पुलिस द्वारा रंजिश के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करने की ख़बर आ रही है ।
प्राप्त जानकारी अनुसार राजस्थान के पाली जिले के पत्रकार श्री वीरेन्द्र राजपुरोहित (9024985089) को एक श्रमिक नेता श्री रामनाथ सिंह की हत्या मे शामिल पुलिस कर्मियो की खबर चलाने से रुष्ट पुलिस ने षड्यंत्र के तहत झूठे मुक़दमे में फँसा दिया है ।
उन्होने देश भर मे पत्रकारों पर हो रहे हमलो , पुलिस प्रताड़नाओ एवं झूठे मुकदमे बाज़ी पर चिंता व्यक्त करते हुऐ वर्तमान काल को पत्रकारिता का आपातकाल निरूपित किया । जिस प्रकार पत्रकारों की आवाज़ को दबाने का कुचक्र संपूर्ण भारत वर्ष मे चल रहा है वह निंदनीय होकर चिंता का विषय है । स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता की अलख जगाने वाले पत्रकारों को जिस प्रकार शिकार बनाया जा रहा है वह इस बात का प्रमाण है कि भारत वर्ष मे केवल चाटुकार , बिकाऊ और सत्ता का संरक्षण प्राप्त मीडिया कारपोरेट घराने और उनके संरक्षण मे दलाली करने वाले कुबैर पुत्र ही पत्रकारिता कर पा रहे हैं , सत्य और वास्तविकता को उजागर कर जनमानस को न्याय और सुरक्षा दिलवाने वाले पत्रकारों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है । सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि अब न्यायापालिका की निष्पक्षता की प्रासंगिक हो गई है ।