आशा की सुनहरी दामिनी है PCWJ
विश्व साहित्य रत्न अवार्ड से सम्मानित विचारक शशि दीप के वक्तव्य
जब हम एक अच्छे उद्देश्य के लिए, पवित्र भाव से काम करने का प्रयास करते हैं और सफल होते हैं, तो हमें कभी भी ख़ुद को कर्ता नहीं समझना चाहिए। यह जानना और आत्मसात करना अनिवार्य है कि, यह सब दिव्य योजनाएँ हैं, जो हमारी समझ से परे है। उच्च बुद्धि सब कुछ संचालित कर रही है और हम केवल साधक हैं। हमें बस अपनी भूमिका सच्ची निष्ठा से निभानी है, और बाकी उन पर छोड़ देना है। यह मनोवृत्ति हमें अपनी नई भूमिकाओं को अनुग्रह व आत्मविश्वास के साथ ग्रहण करते हुए आगे बढ़ने में उत्प्रेरक का काम करती है।
अपने से वरिष्ठ कुछ गम्भीर अध्यात्मिक विचारकों से मिले गूढ़ सच्चाई को स्मृति में रखते हुए, वास्तव में मुझे, बड़े-बड़े प्रलोभन देकर आकर्षित करने वाले पुरस्कारों से सख्त परहेज़ है। मुझे मानवता की सच्ची सेवा, नेक कार्यों में लगे निःस्वार्थ लोगों के सरल, सीधे भाव आकर्षित करते हैं क्योंकि ये आज के ज़माने में दुर्लभ है।
मैं परम आदरणीय सैयद खालीद कैस सर जो प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स PCWJ, के संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष व इस विशाल राष्ट्रीय पंजीकृत संस्था की आत्मा व पूरी टीम को इस बेशकीमती सम्मान के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ जो देश भर में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तथा देश के चौथे स्तम्भ की रक्षा व राष्ट्रीय एकता, अखंडता व संप्रभुता कायम करने के लिए सतत प्रयास में लगे हैं। वे देश में एक क्रांतिकारी की तरह इस अनुकरणीय पहल को अंजाम दे रहे हैं और साथ ही साथ विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित विभूतियों को सम्मानित भी करते रहे हैं। इसमें उनका कोई स्वार्थ नहीं छुपा है, न ही कोई मौद्रिक लाभ (Monetary gain) अर्जित हो रहा है। मिल रहा है तो एक अनमोल धन, जो है आतंरिक संतुष्टि और हज़ारों आशीर्वाद, मान-सम्मान। और ईश्वर ने मुझे इस नेक काम में योगदान का दिव्य अवसर दिया। और यही कारण है कि इस सुंदर व विनम्र भाव से सुसज्जित, स्नेहिल सम्मान को पाकर मैं अत्यंत अभिभूत हूँ, और हृदय से यही भाव उद्धृत होता है कि सचमुच आशा की सुनहरी दामिनी है PCWJ।
मेरे विचार से, नेक कार्यों/प्रयासों को दिल से सराहना और उसका प्रचार-प्रसार करना, भी मानवता की सेवा है। परमात्मा की दिव्य शक्ति सर्वत्र व्याप्त है, उनका स्मरण करना व समर्पण भाव के साथ पूरी निष्ठा से कर्म करते रहना, जीवन को आश्चर्यजनक रूप से संतुष्टि प्रदान करते हैं।
शशि दीप