चेन्नई। देश में पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों पर विपक्षी दलों ने मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस ने बढ़ती कीमतों के विरोध में 10 सितंबर का भारत बंद बुलाया है और अब उसे इसमें अन्य दलों का समर्थन मिलने लगा है। इनमें एमडीएमके ने भी इस बंद को अपना समर्थन दे दिया है। इसकी घोषणा शुक्रवार को पार्टी सुप्रीमो एमके स्टालिन ने की। उन्होंने कहा कि पार्टी न सिर्फ इसमें भाग लेगी, बल्कि इसको सफल बनाने का हरसंभव प्रयास करेगी।

द्रमुक अध्यक्ष ने केंद्र की भाजपा सरकार को सबक सिखाने के लिए सरकारी कर्मचारियों, अध्यापकों, दुकानदारों और राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों सहित समाज के प्रत्येक तबके से स्वत: बंद रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह चिंता और आक्रोश का विषय है कि डीजल और पेट्रोल के दाम 100 रुपये को छू रहे हैं।

यह हाल तब है जब कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही हैं। स्टालिन ने तेल कंपनियों पर आरोप लगाया कि वह चुनाव के दौरान भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए कीमतें कम करती हैं, लेकिन आम लोगों को राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठाती हैं।

पेट्रोल-डीजल की महंगाई को लेकर मोदी सरकार की घेराबंदी कर रही कांग्रेस ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर 10 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। एनडीए पर जनता की गाढ़ी कमाई लूटने का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा है कि चार साल में सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से साढ़े ग्यारह लाख करोड़ की वसूली की है। भारत बंद को दलित संगठनों ने भी दिया समर्थन है। कांग्रेस के इस बंद के आह्वान के बहाने विपक्षी एकता की आजमाइश भी हो जाएगी।

कांग्रेस पार्टी सूत्रों का कहना है कि ‘भारत बंद’ के लिए सपा, बसपा, एसीपी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल एस, राष्ट्रीय लोक दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कई अन्य दल समर्थन कर रहे हैं।