नोटरी वाली शादी-तलाक अवैध:इंदौर हाईकोर्ट की सख्ती, विधि विभाग को गाइडलाइन बनाने के आदेश, नोटरी करने वालों को भी बनाया जा सकता है आरोपी

इंदौर

हिदायत- इस तरह के मामले पाए जाते हैं तो नोटरी का लाइसेंस टर्मिनेट किया जाए

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नोटरी के आधार पर शादी और तलाक को गलत माना है। कोर्ट ने विधि विभाग को इस मामले में सख्त नियम व गाइडलाइन बनाने के आदेश जारी किए हैं। 31 दिसंबर को हुई एक मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिए हैं। इसके बाद 2 जनवरी को ऑर्डर की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड हुई।

सरकारी वकील सुधांशु व्यास ने बताया, जावरा में रहने वाले फरियादी ने नोटरी के आधार पर महिला से शादी की थी। कुछ दिनों बाद वह महिला डेढ़ लाख रुपए लेकर भाग गई थी। इसके बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बाद में मामला इंदौर के हाईकोर्ट के समक्ष जमानत के लिए पेश हुआ, जिसमें पाया गया कि ऐसी शादियां और तलाक लगातार नोटरी के आधार पर की जा रही हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए जस्टिस विवेक रुसिया ने आदेश दिए है कि नोटरी के माध्यम से शादी और तलाक करना वैध नहीं है।

कोर्ट ने प्रदेश के विधि विभाग को इस मामले में गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि नोटरी को इस संबंध में सख्त हिदायत जारी की जाए। आगे इस तरह के मामले पाए जाते हैं, तो नोटरी का लाइसेंस टर्मिनेट किया जाए। साथ ही मामले में नोटरी करने वाले को भी आरोपी बनाया जाए।