आखिर उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने रिसार्ट क्यों तुड़़वाया?
सदन में वीडियो वाली बात से क्यों बौखलाये राजवर्धन सिंह?
इन्वेस्टर्स समिट के पहले मुश्किल में फंसे उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह
दत्तीगांव के कारनामों से जुड़े़ और मामले जल्द आयेंगे सामने
विजया पाठक,
कहते हैं ना जब व्यक्ति गलत होता है तो वह घबराहट में सच उगल देता है। ऐसा ही कल विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुआ। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि एक मंत्री के खिलाफ वीडियो आने पर रिजॉर्ट क्यों तुड़वा दिया है। इसके जवाब में राजवर्धन सिंह दत्तीगांव खड़े हो गए और आनन-फानन में एक कांग्रेस के एक नेता पर ही रेप करने का आरोप जड़ दिया और कहा कि उस बहन पर भी कुछ बोलो, जिसके साथ गलत हुआ है, उसको भी न्याय दिलाओ। यहां यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सदन में जीतू पटवारी ने किसी भी मंत्री या नेता का नाम नहीं लिया था फिर अचानक से दत्तीगांव क्यों हड़बडा़हट में खड़े हो गए और पटवारी की बात का कांउटर करने लगे। इस काउंटर से साफ-साफ दिख रहा है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है। राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने “रेपिस्ट” का काउंटर “रेपिस्ट” खड़ा किया, मतलब साफ है दत्तीगांव पर लगा आरोप 100 फीसदी सच है। सरकार को तुरंत इस मामले में मामला दर्ज कर जांच चालू करनी चाहिए। साथ-साथ हनीट्रैप मामले में भी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का मामला खोलना चाहिए। सरकार को अपनी फजीहत से बचने के लिए तुरंत ही इन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए।
मंत्री दत्तीगांव का चेहरा हुआ बेनकाब
मध्यप्रदेश सरकार में उद्योग विभाग जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल रहे मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का घिनौना चेहरा जनता के सामने आ गया है। राजवर्धन सिंह के इस घिनौने कारनामे ने देश भर में मध्यप्रदेश सरकार की छवि को धूमिल कर दिया है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर सहित प्रमुख शहरों में जाकर प्रदेश में निवेश लाने और प्रदेश की छवि को निवेश के बनाने को लेकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं। वहीं, दत्तीगांव जैसे मंत्री जनता के टैक्स के पैसों को अपने गलत कामों में उड़ाने में जुटे हुए हैं। मध्यप्रदेश सरकार, भाजपा और संगठन को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आगामी इन्वेस्टर्स समिट के पहले राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को सरकार से बर्खास्त कर अन्य मंत्रियों औऱ अफसरों को एक कड़ा संदेश देना चाहिए कि पार्टी और सरकार गलत व्यक्ति को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेगी।
इन्वेस्टर्स समिट के पहले लगा सरकार को बड़ा झटका
प्रदेश के उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का घिनौना चेहरे सामने आने से प्रदेश सरकार को पूरी तरह से बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। पूरा प्रदेश इस समय इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में जुटा हुआ है। ऐसे में दत्तीगांव पर बलात्कारी होने का लगा आरोप कहीं न कहीं प्रदेश सरकार के लिये बड़ा झटका है। देखा जाये तो यह सिर्फ प्रदेश सरकार के लिये ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर उस बेरोजगार युवाओं के लिये बड़ा झटका है जो आगामी इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले उद्योगपतियों से मिलने वाले सकारात्मक परिणामों के बाद खुद को रोजगार से जुड़़ता हुआ महसूस कर रहा था।
क्या डरा धमका कर बदलवा दिया लड़की का बयान?
कुछ दिन पहले धार जिले के एक होटल में पहुंची एक हाई प्रोफाइल लड़की ने जिस कॉन्फिडेंस के साथ राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को रेपिस्ट और बालात्कारी कहा था। मामला सामने आने के बाद राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के आदमियों ने पहले जहां होटल में पहुंचकर तोड़फोड़ की। उसके बाद लड़की को डरा धमकाकर उसे यह कहने पर मजबूर कर दिया कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो चल रहा है और दत्तीगांव जी के ऊपर जो आरोप लगाये जा रहे हैं वे सब गलत हैं। ऐसे में एक तरफ जहां राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की भूमिका संदिग्ध दिखाई पड़ रही हैं वहीं, दूसरी तरफ घटना के कुछ घंटों बाद लड़की का दूसरा वीडियो सामने आना इस बात की ओर साफ इशारा करता है कि बेबस लड़की दत्तीगांव के आतंक से कितना सहमी हुई है।
सरकार के लिये बनी असमंजस की स्थिति
मध्यप्रदेश सरकार के लिये अब बड़ी असमंजस की स्थिति बन गई है। जनवरी के पहले सप्ताह में होने जा रही विश्व ख्याति प्राप्त उद्योगपतियों के साथ इन्वेस्टर्स समिट का प्रतिनिधित्व कैसे रेपिस्ट का आरोप लगे मंत्री से करवाये। सूत्रों के अनुसार शिवराज सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले उद्योगपतियों की आगुवानी के लिये राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के स्थान पर किसी दूसरे मंत्री के नाम पर विचार करना भी शुरू कर दिया है। मंत्रालय की एक बैठक में खुद प्रदेश के आला अफसरों ने मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी दी कि इन्वेस्टर्स समिट में मेहमानों की आगुवाई रेपिस्ट का आरोप लगे एक मंत्री से करवाना प्रदेश सरकार की छवि को उद्योगपतियों के सामने कमजोर कर सकता है।
और भी हो सकते हैं जल्द खुलासे
धार जिले की इस घटना के बाद जब हम उस होटल और मंत्री के गृह जिले बदनावर पहुंचे तो कई ऐसे राज सामने आये जो चौंकाने वाले हैं। नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता ने बताया कि मंत्री जी का अभी केवल एक केस सामने आया है। जल्द ही और भी मामले सामने आयेंगे। क्योंकि मंत्री जी ने धार जिले की उस होटल को और बदनावर को केवल अपने गलत कामों का अड्डा बना रखा है। यही नहीं मंत्री जी की इन हरकतों से शिवराज कैबिनेट के अन्य मंत्री व अफसर भी परिचित हैं लेकिन अभी तक किसी ने कोई कार्यवाही करना भी उचित नहीं समझा।
हनीट्रैप में भी सामने आ चुका है दत्तीगांव का नाम
उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के कारनामें सिर्फ धार जिले की उस होटल तक सीमित नहीं हैं। प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप घोटाले में दत्तीगांव का नाम सामने आया था। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी नेताओं में से एक राजवर्धन सिंह से जुड़े़ अन्य खुलासे भी सामने आयेंगे।
हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे दत्तीगांव
अपने उपर लगे आरोपों का पर्दाफाश होते ही मंत्री दत्तीगांव आनन फानन में हाईकोर्ट की शरण पर पहुंचे। जहां उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर रोक लगाने की गुहार लगाई। लेकिन हाईकोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए दत्तीगांव की गुहार को सिरे से खारिज कर कोर्ट से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया। अपने उपर लगे आरोपों की बात सामने आने के बाद सोशल मीडिया और अखबारों, न्यूज चैनल्स पर चलाई जा रही उनके इस कारनामे की खबरें रोकने के लिये दत्तीगांव हाईकोर्ट पहुंचे थे।