व्हाट्स एप ग्रुपों में फर्जी समाचार के माध्यम से पत्रकारों में फैलाए जा रहे भ्रम का प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने किया खुलासा

फर्जी पत्रकारों पर नकेल कसने के लिए फिर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया जारी निर्देश” का समाचार झूठा साबित

 

भारत सरकार के अधिकृत निकाय प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो( पी आई बी ) द्वारा अपने PIBFactCheck के माध्यम से इस समाचार का खण्डन किया

शशि दीप मुंबई महाराष्ट्र 

मुंबई। सोशल मीडिया पर खासकर वॉट्स ऐप पर कुछ लोगो द्वारा बिना किसी प्रमाण ,बिना किसी आधार के एक समाचार जमकर वायरल किया वा कराया जा रहा है जिसमे लिखा जा रहा है कि “फर्जी पत्रकारों पर नकेल कसने के लिए फिर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया जारी निर्देश”।साथ ही उस समाचार के माध्यम से यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि अब जिला तथा सब डिवीजन स्तर पर जांच के बाद निर्देशित अधिकारियों को अपने कार्यालय पर पत्रकारों की सूची चस्पा करना अनिवार्य होगा। उक्त समाचार में यह भी बताया गया कि भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा सभी राज्य के प्रमुख सचिव के को निर्देशित किया गया है कि वह पत्रकारों की पहचान कर जिला जनसंपर्क कार्यालय में नाम पंजीबद्ध कराएं, साथ ही ग्रेजुएशन मान्यता प्राप्त पत्रकारिता का डिप्लोमा या बीएफ हिंदी साहित्य से ग्रेजुएशन ही मान्य होंगे ।

 

उक्त समाचार में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव को भी फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

इस समाचार का ज़ोर शोर से वॉट्स ऐप ग्रुपों में प्रसारण के बाद बहुत सारे पत्रकारों में यह भ्रम फैल रहा था कि सोशल मीडिया, यू ट्यूब चैनल,न्यूज पोर्टल तथा लघु समाचार पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से पत्रकारिता करने वालों को फर्जी पत्रकार साबित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी तथा सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा पत्रकार होने के लिए के संपादकों ,संवाददाताओं,ब्यूरो के लिए अनिवार्य शिक्षा ग्रेजुएशन, मान्यता प्राप्त पत्रकारिता का डिप्लोमा या बीएफ हिंदी साहित्य से ग्रेजुएशन होना मान्य किया गया है।

इस समाचार के माध्यम से सोशल मीडिया पर प्रचारित कर पत्रकारों में भ्रम फैलाया जाने पर पत्रकार सुरक्षा एवम कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय संगठन “प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ” के संस्थापक अध्यक्ष श्री सैयद खालिद कैस द्वारा उक्त समाचार की सत्यता जानना चाही। तो उनके द्वारा गहन जांच पड़ताल उपरांत पता चला कि भारत सरकार के अधिकृत निकाय प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो( पी आई बी ) द्वारा अपने PIBFactCheck के माध्यम से इस समाचार का खण्डन किया जिससे यह प्रमाणित हो गया कि वॉट्स ऐप ग्रुपों में जमकर वायरल हो रही उक्त खबर झूठी तथा अप्रमाणित है।

 

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने देशभर के पत्रकारों,मीडिया कर्मी साथियों को आव्हान करते हुए कहा कि इस प्रकार की झूठी,फर्जी खबरों से डरने के स्थान पर भारत सरकार के अधिकृत निकाय प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो( पी आई बी ) द्वारा अपने PIBFactCheck के माध्यम से सच्चाई जानकर ही विश्वास करें। इस संबंध में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो( पी आई बी ) द्वारा PIBFactCheck के लिए व्हाट्स एप नंबर 8799711259

तथा ईमेल socialmedia@pib.gov.in जारी कर रखा है। जिस पर जांच की जा सकती है।इसलिए फर्जी खबरों से सावधान रहें।

PIB Fact Check @PIBFactCheck #PIBFactCheck:यह दावा #फर्जी है। पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री @Ra_THORE अपने किसी भी वक्तव्य में यह दावा नही किया है।

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