बिलासपुर – कोल खनिज माफिया के द्वारा अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा व अन्य पर किए गए प्राणघातक हमला करने वालों के ख़िलाफ़ पुलिस द्वारा अब तक प्राथमिकी दर्ज नही करने से पुलिस का सौतेला व्यवहार उजागर हो गया है ।
गौरतलब हो कि कल शनिवार खनिज माफिया के हमले से प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा हुए गंभीर रूप से घायल किया था और पुलिस ने खनन माफिया के दबाव मेँ मुकदमा दर्ज नही किया , श्री गोविन्द शर्मा की खराब शारीरिक हालत के मद्देनजर उनको गहन चिकित्सा इकाई मेँ दाखिल कराया गया है ।
प्राप्त जानकारी अनुसार सरगाव कस्बा मेँ गोविन्द
शर्मा , राकेश प्रताप सिंह परिहार एवं अन्य पत्रकार पर योजनाबद्ध तरीके से घैराबन्दी कर हथियारों से लेस होकर प्राणघातक हमला किया , जिसमें गोविन्द शर्मा की हालत नाज़ुक बनी हुई है । लेकिन इस सबके बावजूद पुलिस द्वारा कल से आजतक आरोपियों के ख़िलाफ़ कानूनी कारवाई नही होना किसी बड़े षडयंत्र की और इशारा करती है । छत्तीसगढ़ प्रदेश मेँ जिस तरह पत्रकारो का शोषण हो रहा है वह किसी से छिपा नही । आपराधिक प्रष्ठ भूमि के लोगो को सरकार का संरक्षण इस बात का प्रमाण है कि आए दिन प्रदेश मेँ पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं , वही रमन सरकार ने पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जाने से भी यह साबित होता है कि रमन सरकार पत्रकार विरोधी है ।
बिलासपुर जिले व उनसे लगे हुए अन्य क्षेत्रो में खनिज माफिया का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, पहले खनिज माफिया साधारण कार्यवाहियों में लिप्त था जो अब बड़ा रूप लेकर संगठित अपराधियों के सामान हो गयी है| पत्रकार जिन्हें विशेषकर खनिज सम्बन्धी समाचार कवरेज करने होते है वह इनका शिकार बनते रहते है।
प्राप्त जानकारी अनुसार कल अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा, जिलाध्यक्ष अमित संतवानी व राकेश परिहार मुंगेली जिले के एक थाने से खनिज माफिया के खिलाफ आरटीआई लगाकर बाहर आ रहे थे इस दौरान मुख्य मार्ग पर खनिज माफिया से जुड़े आकाश सिंघल, अमित अग्रवाल सहित कई अन्य लोगो ने रास्ता मेँ रोककर खनिज माफिया के गुर्गो ने इन पत्रकारों पर जानलेवा हमला करते हुए धारदार हथियारों से हमला किया| इस हमले में प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा को गंभीर चोटे आई है वही अन्य पत्रकार भी घायल हुए है । यहाँ सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि घटना के 48 घंटो बाद भी पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नही किया गया , तथा फरियादी गोविन्द शर्मा के अब तक बयान तक दर्ज तक नही कराए हैं । लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हुए हमले ने यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ पत्रकारो के लिऐ सुरक्षित नही रहा ।
बिलासपुर पहुंचकर सैयद ख़ालिद कैस के साथ सरोज जोशी की रिपोर्ट ।