भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई की एकमात्र राष्ट्रीय, सामाजिक, और सांस्कृतिक संस्था द्वारा देश की चुनिंदा हस्तियों का सम्मान…..
“जनक” श्रीकृष्ण, गौतम, अशोक, विवेकानंद, आदि का यह देश वस्तुतः ऋषि प्रधान है, अपनी इसी ऋषि परम्परा पर ही वह युगों की उथल पुथल व सदियों के उतार चढ़ाव के बाद भी जीवित है, उसकी संस्कृति गिरते पडते भी सवृदा नष्ट नहीं हुई… हम बताने का प्रयास कर रहे है संसार मे अनेक राष्ट्र, अनेक साम्राज्य और अनेकानेक संस्कृतियां केवल और केवल इतिहास का, पुरातत्व का, विषय तो बनकर नही रह गयी….
इसी ऋषि परम्परा के प्रतीक अनेक महापुरुष इस युग मे भी पहले हुये, स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, अरविंद, राजा राम मोहन राय, लोकमान्य तिलक अनेक आदि महापुरुषों के नाम उस परम्परा को आधुनिक काल मे जीवित रखने वालों मे आज भी लिए जा सकते है!
पत्रकारिता भी उसमें से एक है, पत्रकार पैदा होता है, न कि एजेसी की कोख से उसका जन्म होता है, सिर्फ और सिर्फ वह पैदा होता है कलमकार के रुप मे और जीवन भर संघर्ष, विपदाओं, समाज देश, और राष्ट्र की अस्मिता को बचाने अपनी कलम से, अपनी रचनाओं से आश्चर्यजनक परिस्थितियों मे परिवर्तन कर समाज मे रोजना नये सबेरे की उम्मीद की किरणों से जगत को निहारता है, सच्चा रचनाकार अपनी कलम से समाज मे फैली विकृतियों मे अवश्य ही परिवर्तन लाए सकता है ऐसे पत्रकारिता के क्षेत्र मे वह पत्रकार हमारे सामने आज भी है, उनके नाम आज भी लिये जाते है…..
श्रेष्ठ रचनाकार अपनी कलम से समाज मे परिवर्तन लाता है, संघर्ष करता हैं।
आशा कि नई किरण का नाम मोजूद हालात मे हमे दिखाई पडता है, पत्रकारों के लिए संघर्षशील, कर्मठ योध्दा के रुप मे विषम से विषम परिस्थितियों मे यह पत्रकार योध्दा पत्रकारिता कानून लाने, पत्रकारिता के आदर्शों पर खरे मापदंडों की कसौटी पर आका जा सकता हैऔर सफर नेतृत्व कर पत्रकारिता के ऊसूलो के अनुरूप आज और इसी युग की उथल पुथल के बीच हमारे समक्ष निस्पृह सेवाभाव का वह सौम्य आलौकिक दीप का नाम है, खालिद केस जो एडवोकेट के रुप मे भी हमारे समक्ष प्रस्तुत है, ऐसे कर्मठ कार्यकुशल योगयवान खालिद केस को मुम्बई की राष्ट्रीय अदम्य संस्था द्वारा लोककल्याण कारी भावना से अभिसि्क्त ” मदर टेरेसा ” सम्मान प्रदत्त किया गया है हमारी और से उन्हें बधाई।
@मनोज दुबे वरिष्ठ पत्रकार की कलम से।