अपने किए वादे को भूल गए शिवराज सिंह चौहान:सैयद खालिद कैस
शिवराज सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
देश ,प्रदेश में पशुओं की सुरक्षा के लिए कानून लेकिन पत्रकारों को सुरक्षा कानून से किया गया वंचित:सैयद खालिद कैस
भोपाल। पत्रकार सुरक्षा एवम कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय संगठन प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के वादे को भूलने तथा वादा खिलाफी का आरोप लगाया।
संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में 2003से भाजपा सरकार है तथा विगत 17वर्षो से सत्ता नशीन शिवराज सिंह चौहान हैं लेकिन हजारों मांगो के बावजूद उनकी सरकार ने आज तक प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं किया है। यह नही कि उनकी सरकार पत्रकारों की पीड़ा से अनभिज्ञ है।
श्री कैस ने मुख्य मंत्री श्री चौहान को याद दिलाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए ही उन्होंने राजधानी भोपाल में मीडिया महोत्सव 2018 के तहत आयोजित ‘भारत की सुरक्षा, मीडिया, विज्ञान एवं तकनीकी की भूमिका’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि, “राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।” उन्होंने कहा था कि मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ गई है लेकिन फेक न्यूज से सतर्क रहने की जरूरत है। चौहान ने जोर देकर कहा कि समाज के हर वर्ग को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा की जरूरत है। दुर्भाग्य का विषय है कि शिवराज सिंह चौहान साहब 2018 में किए वादे को भूल गए 2018के विधानसभा चुनाव में सत्ता खो जाने के बाद तथा 2020में कोरोना काल में तख्ता पलट के बाद से आज 04साल बाद तक वह अपने वादे को अमलीजामा तो दूर कोई प्रस्ताव तक नहीं ला पाए हैं।
श्री कैस ने कहा 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश सहित पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सरकारें बनी कमलनाथ सहित भूपेश बघेल ने वादे के अनुसार पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का प्रयास किया ।कमलनाथ सरकार लागू करती उससे पहले धराशाही हो गई मगर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून तैयार करने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आफताब आलम की अध्यक्षता में समिति का गठन पहले ही किया जा चुका है। समिति की ओर से तैयार किए गए प्रस्तावित कानून के प्रारूप पर पत्रकारों, पत्रकार संगठनों तथा आमजनों से चर्चा कर सुझाव प्राप्त कर लिये हैं । छत्तीसगढ़ में जर्नलिस्ट की सुरक्षा के लिए बनाए जा रहे पत्रकार सुरक्षा कानून के प्रारुप तैयार कर लिया गया है । इस पर भूपेश सरकार पत्रकारों और जनता की राय लेगी। माना जा रहा है की जल्द ही कानून के इस प्रस्ताव पर राज्य सरकार अपनी मुहर भी लगा देगी।
वहीं कमलनाथ सरकार द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के संबंध में बनाए गए प्रस्ताव को शिवराज सरकार ने अंधे कुएं में दफन कर दिया है। सरकार के विधि,गृह,जनसंपर्क तथा सामान्य प्रशासन विभाग के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं जिससे पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने की पहल हो।
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के इस चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राजधानी भोपाल में मीडिया महोत्सव 2018 के तहत आयोजित ‘भारत की सुरक्षा, मीडिया, विज्ञान एवं तकनीकी की भूमिका’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए उनके द्वारा किए गए वादे “राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।” को याद दिलाते हुए अमल की मांग की तथा चैताया पत्रकार यदि सरकार बनाना जानते हैं तो मिटाने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं इसका ख्याल सरकार रखे।