अबरार अहमद खान की रिपोर्ट 

भोपाल -पत्रकार लोकतंत्र का आधारस्तंभ हैँ , उनकी सुरक्षा सरकार का दायित्व है , प्रदेश की सरकार पत्रकार सुरक्षा क़ानून लागू करने के लिए वचनबद्ध है । यह आश्वासन मप्र सरकार के विधि विधायी एवं जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिती भारत के प्रतिनिधिमंडल को गत दिवस दिया ।

 

अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति भारत के एक प्रतिनिधि मंडल ने विधि विधायी एवं जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा से सौजन्य भेंट कर पत्रकार सुरक्षा क़ानून के सम्बन्ध में चर्चा की ।
समिति के राष्ट्रीय महासचिव सैयद ख़ालिद कैस , राष्ट्रीय सचिव सरोज जोशी के साथ विधि विधायी एवं जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा से मिले प्रतिनिधि मंडल को उन्होने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार अपने वचन पत्र में चुनाव से पूर्व ही प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का वचन दे चुकी है और सरकार प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा क़ानून लागू करने के लिए वचनबद्ध है ।
इस अवसर पर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय महासचिव एवं मप्र इकाई अध्यक्ष सैयद ख़ालिद कैस ने श्री शर्मा को पत्रकार सुरक्षा क़ानून के ड्राफ्ट की प्रति प्रदान की । वहीं राष्ट्रीय सचिव सरोज जोशी ने सूत्रीय ज्ञापन सौंपा जिसमें प्रमुखता से प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा एवं कल्याण क़ानून लागू करना तथा पत्रकार कल्याण आयोग की स्थापना पर बल दिया ।
समिति द्वारा विधि विधायी एवं जनसम्पर्क मंत्री को दिए ज्ञापन में प्रमुख मांगे –
पिछ्ले 15 वर्षों में पत्रकारों के ख़िलाफ़ दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं ।
-पत्रकार अधिमान्यता संबंधी नियमों में शिथिलता लाई जाए ।
-फ़र्जी पत्रकारों पर अंकुश लगाने के लिए दिशा निर्देश /गाइड लाइन बनाई जाए ।
-जनसम्पर्क संचालनालय की वेबसाईट सहित संभागीय एवं ज़िला स्तरीय स्तर पर पत्रकारों को सूचीबद्ध कर प्रदर्शित किया जाए ।
-पत्रकारों के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान हो अथवा पत्रकार कोटा आरक्षण प्रदान किया जाए ।
-पत्रकारों व उनके परिवारों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाऐं उपलब्ध कराई जाएं या शासकीय /अशासकीय चिकित्सा संस्थानों में पत्रकार कोटा आरक्षित किया जाए ।
-आर्थिक रूप से अक्षम आवासहीन पत्रकारों के लिए निःशुल्क पत्रकार आवासीय कालोनियों की स्थापना की जाए ।
-पत्रकारों पर पूर्व में दर्ज या पत्रकारों द्वारा दर्ज करवाये गए मुकदमों के निराकरण के लिए विशेष फास्ट ट्रेक न्यायलयों की स्थापना की जाए ।
-पत्रकारों पर होए हमलो के मामलो को अजामनतीय की श्रेणी में रखा जाए ।
-पत्रकारों की दशा सुधारने के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाए ।
-लघु एवं मध्यम दर्जे के समाचार पत्र पत्रिकाओं को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाए । जिससे उनकी दशा को सुधारा जाए ।
-अपने कर्तव्यो /पत्रकारिता कार्य सम्पादन के दौरान पत्रकार की आकास्मिक मृत्यु पर उसके परिवार को कमसे कम 10लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशी मुहैया कराई जाए ।
समिति के राष्ट्रीय महासचिव सैयद ख़ालिद कैस ने पत्रकार सुरक्षा क़ानून को आगामी विधानसभा सत्र में लाने की मांग की है ।