भोपाल । संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहा है ऐसे विकट समय में पत्रकार बिरादरी कोरोना वारियर्स की तरह अपनी जान जोखिम में डालकर अपने दायित्वों का निर्वाह कर रही है। परंतु ऐसे समय में भी संपूर्ण प्रदेश में पत्रकारों के ऊपर पुलिस व प्रशासन की प्रताड़ना के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं । इसी संदर्भ में अलीराजपुर जिले के जोबट तहसील में गत सप्ताह एक मामला सामने आया है । जिसमें जोबट पुलिस थाना द्वारा रंजिश के तहत तीन पत्रकारों सहित पांच व्यक्तियों के विरुद्ध झूठा मुकदमा बनाने तथा उनको सार्वजनिक रूप से अपमानित कर प्रताड़ित किया है । दुर्भाग्य का विषय यह है इस मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर को होने के बावजूद दोषीयो के विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं होना चिंता का विषय है ।
प्रेस काउंसिल ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट द्वारा आज यह मामला संज्ञान में आने के बाद के ग्रहमंत्री मध्य प्रदेश शासन सहित पुलिस महानिदेशक प्रदेश शासन एवं पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर को लिखित शिकायत कर दोषीयो के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग करते हुए पीड़ित पत्रकार को न्याय व सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
मध्यप्रदेश में पुन: पत्रकारों के विरुद्ध पुलिस प्रताड़ना के मामले वरना चिंता का विषय है।
गौरतलब हो कि प्रेस कौंसिल ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट एवं अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति प्रदेश महामंत्री पत्रकार आकाश उपाध्याय निवासी जोबट उनके अन्य सहयोगियों से जोबट थाना में पदस्थ उप निरीक्षक देवेंद्र अनारे शिकायत के चलते रंजिश रखता था क्योंकि लॉक डाउन के दरमियान उक्त उप निरीक्षक सहित अन्य पुलिस वालों द्वारा आम लोगों के साथ मानवीय व्यवहार करने के विरुद्ध आकाश उपाध्याय के साथी पत्रकार द्वारा एक वीडियो श्रीमान पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर को भेजा था । जिसकी जानकारी होने पर उक्त उप निरीक्षक देवेंद्र अनारे , आकाश उपाध्याय और उनके साथी से और रंजिश रखने लगा।
प्राप्त जानकारी अनुसार प्रतिदिन की तरह आकाश उपाध्याय गत 27 अप्रेल रात्री अपनेे आॅफीस (अग्रवाल टावर के तलघर में है) कुछ आस पास के समाचार बनाने के लिये अपने साथी पत्रकार मित्र मनीष वाणी (स्वराज एक्सप्रेस न्युज चेनल), पत्रकार हेमन्त जैन (दैनिक सच्चा दोस्त) के सवांददाता के साथ एक और सहयोगी देवेन्द्र राठौड व अन्य एक उपस्थित थे। रात्रि लगभग 9ः45 बजे जोबट पुलिस थाना में पदस्थ उप निरीक्षक श्री भुपेन्द्र खरतिया के साथ तीन अन्य पुलिसकर्मी आकाश उपाध्याय के ऑफ़िस में घुसा तथा दुर्व्यवहार करते हुए ऑफ़िस में मौजूद पत्रकारों की वीडियो बनाने लगा ओर फ़िर उनको अपने साथ थाने ले गया तथा वहां पर शराब पीने का झूठा आरोप लगाकर उनके खिलाफ धारा 188 एवं 34 का मुकदमा बनाकर उन्हें अपमानित किया।
गौरतलब बात यह है पुलिस द्वारा आकाश उपाध्याय तथा उनके साथियों का का मेडिकल कराया जिसमें इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि यह लोग शराब का सेवन कर रहे थे । उसके बावजूद भी रंजिश के तहत उक्त उप पुलिस निरीक्षक द्वारा जानबूझकर आकाश उपाध्याय व उनके साथियों को अपमानित करने के उद्देश्य से झूठा मुकदमा बनाया गया । साथ ही बलपूर्वक मुकदमा बनाने से पूर्व एक सादे कागज पर हस्ताक्षर भी करवा लिए गए। थाने में पत्रकारों को नंगा कर मारने व दुकान सील करने आदी बातें कहकर धमकाया गया । उसके बाद उप निरीक्षक भुपेन्द्र खरतिया व इनके साथीकर्मी द्वारा षड्यंत्र पूर्वक एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर आकाश उपाध्याय ओर उसके साथी पत्रकारों को अपमानित करने के उद्देश्य से प्रसारित किया । जिस के संबंध में आकाश उपाध्याय व अन्य द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय अलीराजपुर को पुनः अवगत कराया । मुकदमा ओर वीडियो प्रसारित कर अपमानित करने के तत्पश्चात उप निरीक्षक अनारे द्वारा पुनः आकाश उपाध्याय को 30 अप्रैल को रास्ते में रोककर धमकाया तथा अपमानित करते हुए एफआईआर करने की धमकी दी तथा गाली गुफ्तार की । इस संबंध में भी आकाश उपाध्याय द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय को शिकायत की गई जिसके कारण उक्त उप निरीक्षक देवेंद्र अनारे को लाइन अटैच कर दिया गया । परन्तु मामले के 12 दिन बाद भी भुपेन्द्र खरतिया उप निरीक्षक व उप निरीक्षक देवेंद्र अनारे के दोषी होने के समस्त सबूत ओर आकाश उपाध्याय व अन्य के निर्दोष साबित होने के बावजूद उप निरीक्षक को सस्पेंड नही किया गया । उक्त उप निरीक्षक लगातार आकाश उपाध्याय व अन्य पत्रकारों से रंजिश रखे हुए हैं तथा इसकी प्रबल संभावना है कि वे आकाश उपाध्याय व अन्य के विरुद्ध अन्य कोई झूठा मुकदमा या कोई षड्यंत्र रच कर इनको मानसिक, शारीरिक , आर्थिक हानि पहुंचा सकता है। इस घटना से पत्रकार बिरादरी में काफ़ी रोष व्याप्त है ।