मध्य प्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी पर आरोप -मंत्री ने प्रतिभावान छात्रों को बस स्टैंड से वापस लौटाया अपने राजनीतिक रसूख का उपयोग कर अयोग्य खिलाड़ी को जगह दिलाई! पीड़ित खिलाड़ी का आरोप
खेल संगठनों पर नेताओं और नौकरशाहों का कब्जा,प्रतिभाओं के आधार पर नहीं सिफारिसों की बुनियाद पर किया जाता है खिलाड़ियों का चयन
छतरपुर । गुजरते वक़्त के साथ खेल भावना से खेले जाने वाले खेलों का स्वरूप अब कितना परिवर्तित हो चुका है कि अब न तो खिलाड़ियों को पहचानने वाले लोग रहे और न ही खेल को आगे बढाने वाले ।खेलों में राजनीति और भृस्टाचार पूरी तरह से हावी होता जा रहा है अब मनोरंजन का हिस्सा कहे जाने वाले खेलों में शामिल भावनाएं भी पूरी तरह से गायब हो चुकी हैं ।विडम्बना यह है कि खेल को अब खिलाड़ी नही राजनीति खेलती है ,खेलों का आधार कितना मजबूत हुआ ,खेलों की सुविधाओं में कितना इजाफा हुआ इन सभी बिंदुओं से किसी राजनेता का कोई वास्ता नही अगर सरोकार है तो बस इतना कि खिलाड़ी अपने हुनर से नहीं,उनकी सिफारिशो से चयनित किये जाये | अब तो अंतरराष्ट्रीय खेलों से लेकर जिलास्तरीय खेल तक विद्रूपता का शिकार हैं क्योंकि क्रिकेट ,कुस्ती से लेकर बैटमिंटन,फुटबाल,बेसबॉल,जिम्नास्टिक जैसे सभी गेम्स ,राजनीति ,भाई भतीजावाद ,और पक्षपात के साये में लिपटे नजर आते हैं । आज फिर एक बार प्रदेश की कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिल रही है जब इसी गन्दी राजनीति का शिकार बनाई गई बेस्ट बेसबॉल प्लेयर आकांक्षा यादव ने यह आरोप लगाते हुए अपने साथ लगाते हुए सनसनी मचा दी ।
दरअसल इन दिनों 33 वें राष्ट्रीय सीनियर बेसबॉल प्रतियोगिता का आयोजन इंदौर में किया जा रहा है जो 12 जनवरी से 17 जनवरी तक चलेगा इस चयन प्रतियोगिता में भोपाल ,रायसेन ,टीकमगढ़, ग्वालियर,उज्जैन सहित छतरपुर के खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया । कार्यक्रम के मुताबिक चयनित प्रतिभागियों को 12 जनवरी तक इंदौर में अपनी उपस्थित दर्ज करानी अनिवार्य की गई जिसमें छतरपुर जिले से टूर्नामेंट के लिए आकांक्षा यादव को चुना गया परन्तु अंतिम क्षणों में इस नाम को हटाकर इसके स्थान पर कामनी यादव को सेलेक्ट कर दिया गया जब इस बात का विरोध अन्य खिलाड़ियों द्वारा खेल कोच मानसिंह से किया गया तो कोच ने इसे अपनी मर्जी न बताकर मजबूरी का हवाला दिया ।
छतरपुर बेसबॉल कोच मानसिंह का बयान
जिला बेसबॉल अध्यक्ष श्री मान सिंह का कहना है कि जीतू पटवारी जी का 15 बार फोन आया …..यह बात मध्यप्रदेश बेसबॉल के सेक्रेटरी जसराज मेहता जी ने कही है |कोच मान सिंह के मुताबिक कामिनी यादव अस्वस्थ है और मैदान पर भी कुछ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई .घर बैठे बैठे उसके द्वारा राजनीति के माध्यम से अपनी जगह बनाई गई नाकी हुनर के बल पर
कोच मान सिंह ने बताया कि कामिनी यादव रुपयों के लालच देकर अपना स्थान कायम करने के लिए शॉर्टकट लेती है और कोच को बदनाम करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ती. 11 जनवरी की रात 8:30 पर सिलेक्शन के बाद आई लिस्ट से आकांक्षा का नाम कट जाता है और वह छतरपुर से इंदौर जाने वाली बस से उतर जाती है क्योंकि कोच मानसिंह का फोन आता है और वह कहते हैं आकांक्षा यादव आपका सिलेक्शन कैंसिल हो चुका है आप वापस लौट जाए और आपके स्थान पर कामिनी यादव सिलेक्ट हो चुकी है. इस फोन कॉल के आने के बाद बेसबॉल के प्रेमियों में एक सन्नाटा सा फैल जाता है क्योंकि यह एक अनहोनी है जो हो चुकी है हालांकि कामिनी की सिलेक्शन से खुद कोच मानसिंह भी स्तब्ध है।
कितनी शर्म की बात है कि अगर खेलों में प्रतिभागियों के चयन का आधार पैसा ,पावर , और पक्षपात है । शायद अब देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा एशियाई खेलों के दौरान खेल भावना के साथ खेले जाने को लेकर दिया जाने वाला बयान भी खेल पर कितना बड़ा तंज महसूस होता है आज ऐसे ही सिस्टम की वजह से खेल प्रतिभाओं की तलाश और उनमें निखार की जवाबदेही सुनिश्चित नही की जा सकती ।क्योकि आज के इस दौर में वही उत्क्रष्ट और उम्दा खिलाड़ी है जिसे राजनैतिक दांव पेंच खेलना बखूबी आता है । न जाने आकांक्षा जैसी कितनी अनगिनित प्रतिभाएं महज खिलाड़ियों की खुद को साबित करने की आकांक्षा बनकर रह जाती है,हार जीत के उस मैदान में वो पहले ही हार जाते हैं जिन्हें जिंदगी तो मौका देती है पर आज का यह सिस्टम नही ? लोग असफलताओं के पीछे अक्सर जिम्मेदार कारण को खोजते हैं अब जब कारण स्पस्ट है तो इस पर सुधार कैसे सम्भव है । क्या कोई आगे आएगा या ऐसा अनवरत जारी रहेगा।
छतरपुर से खेमराज चौरसिया की खास रिपोर्ट