विधि विरुद्ध सामग्री के ऑनलाइन प्रसारण पर होगी विधि सम्मत कार्यवाही
आई.टी. एक्ट-2000 और भादवि-1860 में होगी कार्यवाही
सचिव गृह कार्यवाही के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त
प्रदेश में विधि विरुद्ध सामग्री के मध्यवर्ती संस्थाओं पर ऑनलाइन प्रसारण की स्थिति में विधि सम्मत कार्यवाही होगी। गृह विभाग के सचिव को कार्यवाही के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बुधवार को आदेश जारी कर मध्यवर्ती ऑनलाइन सोशल प्लेटफार्म के उपयोगकर्ताओं के कम्प्यूटर संसाधनों एवं अन्य प्लेटफार्म पर उपलब्ध गैर-कानूनी सामग्री के प्रसारण पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 और भारतीय दण्ड संहिता-1860 के अंतर्गत मध्यवर्ती संस्थाओं के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-2 (1-बी) के अंतर्गत सोशल मीडिया प्लेटफार्म, वेबसाइट, मोबाइल एप की कॉमर्स वेबसाइट, विभिन्न ऑनलाइन एग्रेगेटर, इंटरनेट सेवा प्रदाता, वेब हॉस्टिंग इत्यादि मध्यवर्ती को शामिल किया गया है। इन संस्थाओं के कम्प्यूटर संस्थानों एवं अन्य प्लेटफार्मों पर गैर-कानूनी प्रसारण से समाज में बढ़ रहे अपराधों पर रोक लगाने के लिये ऐसी सामग्री को तत्परता से हटाने के निर्देश दिये गये हैं।
मध्यवर्ती द्वारा नियंत्रित कम्प्यूटर संसाधन से जुड़ी किसी भी गैर-कानूनी सामग्री की पहुँच को अविलम्ब हटाने या उसे निर्योग्य करने के लिये संबंधित मध्यवर्ती को नोटिस जारी करने का अधिकार सरकार या उसकी किसी एजेंसी को प्रदत्त है। उन्होंने बताया कि नये निर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया पर बाल यौन शोषण संबंधी सामग्री (भादवि 292, 293), आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहन की जानकारी (यूएपीए धारा-12, 16-22), शस्त्र का अवैध विक्रय (शस्त्र अधिनियम धारा-7), हिंसा को प्रोत्साहन, अफवाहों का प्रसार (भादवि धारा-505), अस्पृश्यता से जुड़े अपराध (एट्रोसिटी एक्ट धारा-3), साइबर अपराध (भादवि धारा-364 डी, 354 सी, 507), आत्महत्या को प्रोत्साहन (भादवि 306, 309), भारत के नक्शे का गलत चित्रण, बाल विवाह, वित्तीय धोखाधड़ी, पशु क्रूरता, औषधियों का भ्रामक प्रचार, पटाखों की ऑनलाइन बिक्री इत्यादि शामिल हैं। विधि विरुद्ध सामग्री का ऑनलाइन प्रसारण (फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर या अन्य सोशल मीडिया या ऑनलाइन प्लेटफार्म पर) कण्डिका-3 अनुरूप होने की स्थिति में ऐसी सामग्री को अविलम्ब हटाने या उसे निर्योग्य करने के लिये धारा-79 (3) (बी) के अंतर्गत सचिव (गृह) नोटिस जारी कर सकेगे।