विजया पाठक
बहुचर्चित हनीट्रेप मामले के तार सिर्फ मध्यप्रदेश से ही नहीं जुड़े हैं बल्कि प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से भी जुड़े हैं। अब छत्तीसगढ़ से भी जुड़े होने की पूरी आशंका जताई जा रही है। महिला गैंग का सूबे के अफसरों से संपर्क था। इन अधिकारियों में कुछ फुल फ्लेश आईएएस हैं तो कुछ प्रमोटर आईएएस हैं। कुछ प्रमोशन पाकर मंत्रालय तक पहुंच गये हैं। इन अधिकारियों ने हसीनाओं के जाल में फंसकर कई गैरकानूनी कामों को अंजाम दिया है और शासन का पैसा खर्च किया है। इसके साथ ही सूबे के कुछ और सफेदपोश और व्हाइट कॉलर लोगों के शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा है। हनीट्रैप रैकेट में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों का नाम सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। हनीट्रैप मामले की जांच के लिए मध्यप्रदेश में एसआईटी का गठन कर दिया गया है। अब जांच अधिकारी मामले की छानबीन के लिए छत्तीसगढ़ भी जा सकते हैं। कुछ अधिकारियों से पूछताछ भी हो सकती है। इस मसले पर डीजीपी डीएम अवस्थी का कहना है कि एसआईटी ने फिलहाल उनसे संपर्क नहीं किया है। डीजीपी का कहना है कि एमपी पुलिस अगर संपर्क करती है तो उन्हें पूरा सपोर्ट किया जाएगा। ये संगठित गिरोह के सदस्यन हैं, जो बड़े नेताओं और आईएएस-आईपीएस अफसरों को अपने जाल में फंसाकर उन्हेंक ब्लैकमेल करता था। हनीट्रैप मामले के तार मध्यप्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ से भी जुड़ गए हैं। इधर आरोपी युवतियों से हो रही लागातार पूछताछ में रोज नए सबूत पुलिस के हाथ लग रहे हैं। ये गिरोह आला अधिकारी और रसूखदार मंत्रियों को अपना निशाना बनाकर उनसे मोटी रकम वसूलता था। कई आला अधिकारी और बड़े नेता इन हसीनाओं के चंगुल में फंस चुके थे, जिसकी सैकड़ों वीडियो क्लिप भी बनाई गई हैं और उसके बदले बड़े पैमाने पर पैसों की वसूली भी की गई। चर्चा तो ये भी है कि कमलनाथ सरकार के 28 मंत्री-विधायक भी इस गिरोह के निशाने पर थे।