दंपत्ति के बीच यदि विवाद हो जाए और कोर्ट तलाक को मंजूरी दे दे, तो माना जाता है कि इसके साथ ही पति-पत्नी एक दूसरे से कानूनी तौर पर अलग हो गए हैं और वो चाहें तो दूसरी शादी कर सकते हैं। यह सही है कि वो चाहें तो दूसरी शादी कर सकते हैं परंतु बड़ा प्रश्न यह है कि क्या तलाक के तुरंत बाद कर सकते हैं या समय को लेकर कानून में कोई पाबंदी है।
हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के तहत तलाक के लिए प्रस्तुत मामलों में कोर्ट अपने विवेक के अनुसार डिक्री जारी कर सकता है। कोर्ट चाहे तो दोनों पक्षों की सहमति के बाद विवाह संबंध को तत्काल विच्छेद घोषित कर सकता है, परंतु ज्यादातर मामलों में न्यायालय तलाक के आदेश में दोनों पक्षों को अपील करने का अवसर प्रदान करता है। यह सामान्यत: 90 दिनों के लिए होती है। इस अवधि के दौरान तलाक प्राप्त हो जाने के बावजूद पति या पत्नी दूसरी शादी नहीं कर सकते।
तलाक की अपील अवधि समाप्त होने से पहले शादी कर ली तो क्या होगा
यदि तलाक प्रकरण में कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद और अपील अवधि समाप्त होने से पहले दोनों में से कोई भी पक्ष दूसरा विवाह कर लेता है तो ऐसा विवाह शून्य होगा और भारतीय दण्ड संहिता (1860 का अधिनियम 45) की धारा 494 और 495 के उपबन्ध तदनुकूल लागू होंगे। ऐसे मामलों में सामान्यत: 2 साल की जेल की सजाएं सुनाईं जातीं हैं।