कोरोना संकट के चलते लगे लॉकडाउन के कारण फरीदाबाद और बहादुरगढ़ में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों के संबंध में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार यह सुनिश्चित करे कि कोई भूखे पेट न सोए। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को विश्वास दिलाया कि वह इन मजदूरों के वापस भेजने का इंतजाम कर रही है और जब तक ये वापस नहीं जाते तब तक खाने और रहने का पूरा इंतजाम कर रही है।
हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने दोनों याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस दौरान किसी भी प्रवासी मजदूर को खाने और रहने की कोई परेशानी न आए।
बहादुरगढ़ के मामले में हरियाणा सरकार ने बताया की याचिका में जिन 42 प्रवासी मजदूरों की बात की गई है उन सभी को वापस भेजा जा चूका है। सिर्फ झज्जर जिले में ही राज्य सरकार ने प्रवासी मजदूरों को 5 लाख 83 हजार फ़ूड पैकेट बांटे हैं। इसके अलावा 8389 राशन के पैकेट बांटे गए हैं।
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही सभी राज्यों को उनके वापस भेजे जाने और खाने की व्यवस्था करने के आदेश दे चूका है। इन आदेशों पर हरियाणा सरकार भी कार्रवाई कर रही है। इस जानकारी के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर ही रहा है तो ऐसे में अब इन याचिकाओं पर अलग से सुनवाई किए जाने की जरूरत नहीं है।