देवी प्रसाद मालवीय की रिपोर्ट

घोड़ा डोंगरी – बाघ के लिए जान की दुश्मन बन सकती है वन विभाग की लापरवाही तीन दिनों से सतपुड़ा जलाशय और एबीटाइफ कालोनी के समीप बाघ के मूमेंट मिलने और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतना टाइगर के लिए जान का दुश्मन बन सकता है। गौरतलब रहे कि तीन दिनों से बाघ की लोकेशन ट्रेस होने के बावजूद विभाग के बड़े अधिकारी अंदर सर्चिंग करवाने की जगह सड़को पर टीम को तैनात करवाकर तमासा करते रहे। जबकि जो जानकारी विभागीय अधिकारियों को नहीं होती थी वह खबर नगर के पत्रकारों के पास थी लेकिन उनसे वार्ता करने और खुद को शेर मानने वाले विभागीय अधिकारियों की लापरवाही जनधन एवं बाघ के लिए जान का दुश्मन बनती नजर आ रही है। जंगल की सुरक्षा करने का अलाप रागने और हजारों का वेतन ,सुख सुविधा का सुख भोगने वाले अधिकारी शायद बाघ वाले क्षेत्र में काम करने का अनुभव भूल जाने से यदि स्थिति निर्मित होने से जनमन और बाघ की सुरक्षा की ट्रेनिग नहीं होने की वजह लापरवाह नजर आए। भोपाल में बाघ की लोकेशन नगर के समीप मिलते ही विभाग अपनी सुरक्षा के साथ आमजनों की सुरक्षा के साथ बाघ को सुरक्षित जंगलो में खदेड़ देते हैं या नवीन तकनीकी से पिंजरे में कैद कर वन विहार छोड़ देते हैं, लेकिन बैतूल का वन आमला बाघ के खोप से बेचैन हो जाता है, जो जिले के विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा हैं।
यदि इस क्षेत्र में बाघ व जनमाल की हानी हुई इसके लिए विभाग के अधिकारी दोषी माने जाने से इंकार नहीं किया जा सकता हूं।

इनका कहना है…
आवासीय परिसर में बाघ का तीन दिनों से लोकेशन मिलने के बाद जिले और स्थानीय अधिकारियों ने इस मामले को गम्भीरता से नही लिया होगा तो उन पर कार्यवाही की जाएगी।
शाहबाद अहमद पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ।