प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को खस्ताहाल कर दिया सिंधिया के अकर्मण्य मंत्री ने
कहीं जानबूझकर तो नहीं हुआ कमलनाथ के साथ हादसा
विजया पाठक, एडिटर
सिंधिया खेमे के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को मिले परिवहन विभाग द्वारा सीधी बस हादसे में बरती गई लापरवाही का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि दो दिन पहले एक नया मामला सामने आ गया। दराअसल पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बीते दिनों इंदौर के डीएनएस अस्पताल वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल के स्वास्थ्य की जानकारी लेने पहुंचे थे। लेकिन अचानक लिफ्ट ऊपर जाने के बजाय 10 फीट नीचे गिर गई, जिसमें कमलनाथ सहित कई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बाल-बाल बच गए, शुक्र है किसी को भी चोट नहीं पहुंची। कमलनाथ केे साथ हुई इस घटना को राजनीति से जुड़े लोग सिंधिया खेमे के मंत्री और प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी की लापरवाही से जोड़कर देख रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तो महज एक निजी अस्पताल का मामला सामने आया है। ऐसे न जाने कितने निजी और सरकारी अस्पताल प्रदेश में संचालित हो रहे है जहां मरीजो को इस तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। हालांकि हर बार की तरह इस बार भी प्रदेश सरकार ने घटना घटित होने के बाद उच्च अधिकारियों को जांच के निर्देश दे दिए है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर शासन प्रशासन के चेतना किसी भी तरह की घटना होने से पहले क्यों नहीं जागृत होती है। इंदौर के जिस अस्पताल में यह घटना हुई है उस अस्पताल में रोजाना न जाने कितने मरीज और उनके परिजन इस लिफ्ट का उपयोग करते होंगे। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की चेतना अब तक सोई हुई है। मंत्री जी, आपसे निवेदन है कि जरा वल्लभ भवन और माननीय श्रीमंत जी की आवभगत से बाहर निकल जरा प्रदेश की जनता का ख्याल करिए, क्योंकि यही वो जनता है जिसने आपको वोट देकर इस पद पर काबिज किया है। यदि आप उनके जान के साथ इस तरह खिलवाड़ करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब आप वापस भीड़ के बीच में बैठे होंगे। इसलिए जल्द से जल्द एक समिति बनाकर प्रदेश के तमाम जिला अस्पतालों सहित निजी और सरकारी अस्पतालों में लिफ्ट सहित बेसिक सुविधाओं का ऑडिट करवाइए, ताकि फिर कोई कमलनाथ इस लिफ्ट में फंसकर हादसे का शिकार न बन जाए।