पांच दिन में आठ मरीजों में पाए गए डेंगू के लक्षण, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के बाद सही हुए पांच मरीज तीन का इलाज जारी

मुंगावली- क्षेत्र में मलेरिया विभाग व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भले ही गांव गांव पहुंचकर दवाइयों का छिड़काव कर रहे हों। लेकिन इसके बाद भी बीते कुछ दिनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। देखा जाए तो पिछले पांच दिनों में डेंगू से प्रभावित आठ मरीज अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं जिनमें से पांच मरीज स्वस्थ हो चुके हैं वहीं तीन मरीजों का उपचार अभी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जारी है। इस तरह आए दिन आ रहा है डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या के बारे में जब मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर दिनेश त्रिपाठी से जानना चाहा तो उनके द्वारा बताया गया कि पिछले पांच दिनों में 7 से 8 संभावित डेंगू से प्रभावित मरीजों को भर्ती किया गया है जिनमें से कई की स्थिति तो काफी नाजुक हो गई थी। यहां तक कि इनके प्लेटलेट्स 15 से 20 हजार के बीच में आ गए थे लेकिन उपचार के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ जिसके बाद इनको डिस्चार्ज कर दिया गया। साथ ही डॉक्टर दिनेश त्रिपाठी के द्वारा बताया गया कि डेंगू कोई घातक बीमारी नहीं है क्योंकि इसमें प्लेटलेट्स आमतौर पर कम हो जाते हैं।लेकिन समय रहते इसका उचित उपचार किया जाए तो इससे कोई खतरा नहीं है । यह घातक तब हो जाता है जब प्लेटलेट्स 12 हजार से कम हो जाते हैं और मरीज में रक्त स्राव होने लगता है। इसलिए लोगों को जैसे ही इसके प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं तुरंत जांच कराकर उपचार कराना चाहिए जिससे की है घातक रूप ना ले सके।

इंदौर – गुना में हुए बीमार यहां मिला उपचार
आमतौर पर देखा जाता है कि जब कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार होता है तो उसको उपचार के लिए बड़े शहर में ले जाया जाता है लेकिन इन डेंगू के मरीजों को देखने के बाद तो इस स्थिति इसके उलट नजर आ रही है। क्योंकि मरीजों के बारे में बताते हुए मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि जो भी डेंगू से प्रभावित मरीज आये हैं वह अधिकांश तौर पर बाहर बड़े शहरों से आये हैं जैसे दो मरीज इंदौर से, 03 गुना से, 01 अशोकनगर से एवं एक अमनचार गांव से। इनको देखकर तो यही कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में अभी तक जो भी संभावित डेंगू से प्रभावित व्यक्ति मिला है वह किसी अन्य शहर से बीमार होकर यहां आये हैं जिनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के बाद स्वस्थ्य किया जा चुका है।

गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
डॉ दिनेश त्रिपाठी के द्वारा बताया गया कि संभावित डेंगू से प्रभावित यह मरीज भले ही दूसरे शहर से बीमार होकर अपने क्षेत्र में आए हों लेकिन इसके बाद भी जहां भी है मरीज रुके हैं उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग एवं मलेरिया विभाग को दी गई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर जांच की है एवं दवाइयों का छिड़काव किया है।

नगर मैं हुई थी डेंगू से मौत
ऐसा नहीं है कि इससे पहले क्षेत्र में डेंगू ने अपना डर ना दिखाया हो। देखा जाए तो पिछले वर्ष नगर में उस समय लोगों में दहशत का माहौल निर्मित हो गया था जब डेंगू से एक महिला की मौत हो गई थी। जिसके बाद कुछ दिन तक प्रशासन द्वारा नगर में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया था। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो नगर में सफाई व्यवस्था उचित नहीं है। साथ ही नगर परिषद के द्वारा दवाइयों का छिड़काब भी नही किया जा रहा है। जिससे दिन प्रतिदिन मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए यही कहा जाएगा कि यदि समय रहते सफाई व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह बीमारी अपना विकराल रूप एक बार फिर से नागरिकों को दिखा सकती है।

मुंगावली जिला अशोकनगर से इकबाल जमीदार की रिपोर्ट