पुलिस रिकॉर्ड में फरार पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष गिरफ्तार: फर्जी दस्तावेजों से कोयला परिवहन के पुराने मामले में था फरार, फरारी में दर्ज हुए कई प्रकरण ,पर पुलिस रही अंजान

 

डॉक्टर सैयद खालिद कैस की खास रिपोर्ट

भोपाल। शहडोल पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि नगर पंचायत बुढ़ार के पास थाना बुढ़ार जिला शहडोल (म.प्र.) निवासी पुलिस रिकॉर्ड में फरार पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष किशोरीलाल चतुर्वेदी पिता लक्ष्मण प्रसाद चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया है। 08 वर्ष पुराने प्रकरण में शातिर कोल माफिया गिरफ्तार किया गया है। आरोपी किशोरी लाल का आपराधिक रिकार्ड 44 साल पुराना है उसके विरुद्ध विभिन्न संगीन मामलों में 26 बार एफआईआआर भी हो चुकी है।

गौर तलब हो कि साप्ताहिक समाचार पत्र का स्वामी आरोपी किशोरीलाल चतुर्वेदी पुलिस की नाक के नीचे 08साल पहले थाना ब्योहारी में दर्ज अपराध क्रमांक 254/16 थारा 420, 467, 468, 471, 34 ताहि., 21 (4) खनिज अधिनियम के पंजीबद्ध अपराध में फरारी काट रहा था। शातिर कोल माफियाअमर प्रेम ट्रांसपोर्ट के मालिक भी है। उसके विरुद्ध वर्ष 2016 में अपराध पंजीबद्ध हुआ था। उक्त अपराध में 08 वर्ष से आरोपी फरार था जिस पर 5000 /- रूपये का ईनाम भी उद्घोषित था।

ज्ञात हो कि आरोपी को पुलिस 08साल पहले दर्ज थाना ब्योहारी के अपराध क्रमांक 254/16 थारा 420, 467, 468, 471, 34 ताहि., 21 (4) खनिज अधिनियम के पंजीबद्ध अपराध में तलाश रही थी और वह पुलिस की नाक के नीचे फरारी काट ही नहीं रहा था वरन इस अंतराल में उसके विरुद्ध कई प्रकरण भी दर्ज हुए ।पुलिस यहां भी अंजान बनी रही। शहडोल पुलिस द्वारा आरोपी के आपराधिक मामलों की दी गई जानकारी में उसके विरुद्ध हत्या,हत्या के प्रयास,कोयला चोरी सहित दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। 2016में दर्ज उक्त अपराध के बाद आरोपी के विरुद्ध थाना अमलाई अपराध 35/21 धारा 304 ता.हि., 4/21 खनिज अधि., सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधि.,थाना अमलई अपराध क्रमांक 40/21 धारा 379 ताहि. 4/21 खनिज अधि. 3,4 लोक सं.क्ष.नि.एक्ट,थाना बुढ़ार अपराध क्रमांक 834/21 धारा 447, 506ता. हि. म.प्र. ऋणियो का संरक्षण अधि. 1937 के दर्ज भी हुए।लेकिन पुलिस के कान पर जूं नहीं रेंगी या यह कहें कि पुलिस के अभयदान के कारण आरोपी 08साल फरारी काट कर खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाता रहा। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बिना राजनैतिक संरक्षण के आरोपी की यह अभयदान मिला होगा। अब गिरफ्तारी के बाद क्या पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस सच की खोज करेंगे की आरोपी किसके संरक्षण में 08साल फरार रहा और पुलिस की नाक के नीचे।अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस इस आरोपी के अवैध निर्माण को चिन्हित कर जमींदोज करेगी या फिर पक्षपात पूर्ण कार्यवाही होगी?