जिले में 109 कोविड अस्पताल में आयुष्मान कार्डधारी मरीजों का इलाज मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में होगा।
कलेक्टर श्री लवानिया ने सभी अस्पताल संचालकों को बैठक में निर्देश दिए
कलेक्टर श्री अविनाश लावनिया ने सभी कोविड उपचार में लगे अस्पतालों को निर्देश दिए है कि आयुष्मान कार्डधारी मरीजों का इलाज निशुल्क किया जाए इसके लिए मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना से उसको लिंक किया गया है। सभी 109 अस्पतालों में आयुष्मान मित्र डेस्क बनाई जाएगी , और जो भी कोविड मरीज जो अस्पताल में इलाज कराने आ रहा है सबसे पहले उसका आयुष्मान कार्ड देखा जाएगा यदि उसके पास कार्ड नहीं है और वो योजना के लिए पात्र है तो उसका तुरंत कार्ड बनाया जाएगा और मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में उसको भर्ती किया जाएगा।
भोपाल में वर्तमान में इनमें से केवल 66 हॉस्पिटल ही आयुष्मान भारत के अंतर्गत पंजीकृत हैं शेष अस्पतालों को पंजीकृत करने के लिए आज कार्रवाई शुरू कर दी गई है ।इसके साथ ही सभी अस्पतालों में एक अलग डेस्क बनाई जाएगी जिसमें आयुष्मान मित्र के नाम से एक शासकीय और एक निजी अस्पताल का व्यक्ति उपस्थित रहेगा । इनके द्वारा कोई भी व्यक्ति जो इलाज के लिए आ रहा है सबसे पहले यह चेक किया जाएगा कि उसके पास आयुष्मान कार्ड है कि नहीं है और यदि आयुष्मान कार्ड धारक नहीं है और योजना के लिए पात्र है तो उसका तुरंत कार्ड बनाकर उसको एडमिट किया जाएगा और इसके साथ ही उसको उस योजना का लाभ दिया जाएगा ।
इसके लिए सभी अस्पताल संचालक और उनके प्रतिनिधियों के साथ आज कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक ली । बैठक में डीआईजी श्री इरशाद वली , नगर निगम कमिश्नर श्री कोलसानी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य अस्पतालों के संचालक और उनके प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्री लवानिया ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो योजना के लिए पात्र है। उसको मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना का लाभ दिया जाए। मरीज का इलाज मुख्यमंत्री उपचार योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया जाएगा । इसके लिए समस्त पैकेज शासन द्वारा निर्धारित कर दिए गए हैं इसके अतिरिक्त कोई अन्य चार्ज संबंधित अस्पतालों द्वारा नहीं लिया जाएगा ।
इसके साथ ही सभी अस्पतालों के लिए अलग से नोडल अधिकारी भी बनाए गए हैं जो संबंधित अस्पतालों से निरंतर संपर्क में रहेंगे और यह निर्धारित करेंगे कि किसी व्यक्ति से आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीज से अतिरिक्त कोई बिल तो नहीं किया जा रहा है, इसकी सतत मॉनिटरिंग की जाएगी और इसके लिए अलग सेल बनाकर लगातार संबंधित मरीजों की एंट्री भी की जाएगी ।
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