कांग्रेस के वचन पत्र में पत्रकार सुरक्षा सहित अधिवक्ता सुरक्षा कानून का नदारद होना चिंता का विषय: डॉ.सैयद खालिद कैस

भोपाल। प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सैयद खालिद कैस एडवोकेट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कांग्रेस पर पत्रकारों तथा अधिवक्ताओं के साथ कुठाराघात का आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कल कांग्रेस के वचन पत्र 2023 का विमोचन हुआ। कांग्रेस की 101 मुख्य गारंटियों सहित अपना नया वचन पत्र जारी किया जिसमें ढेरों जनहितेशी घोषणाएं की गई लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और वचन पत्र निर्माण समिति ने न तो उसमे पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के वचन को शामिल किया और न ही अधिवक्ता सुरक्षा कानून का कोई उल्लेख है। जबकि 2018 के कांग्रेस वचन पत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून सहित अधिवक्ता सुरक्षा कानून को शामिल किया था और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दोनो कानूनों को लागू करने के वचन पर अमल करने का प्रयास भी किया था,लेकिन इस बार के घोषणा पत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून और अधिवक्ता सुरक्षा कानून का न होना कुठाराघात से कम नहीं है।

श्री कैस ने कहा कि संगठन की ओर से गत माह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित वचन पत्र निर्माण समिति के सदस्य कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपते हुए मांग की थी कि कांग्रेस अपने वचन पत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून और अधिवक्ता सुरक्षा कानून को शामिल करे लेकिन वचन पत्र में दोनो कानूनों को स्थान नही दिया गया है जो चिंता का विषय है।
ज्ञात हो कि कांग्रेस द्वारा 17अक्टूबर को जारी वचन पत्र में पत्रकार समाज के हित में निम्न वचन शामिल किए हैं:
1.​पत्रकारों की सम्मान निधि राशि बढ़ाकर 25 हजार करेंगे।
2.​पत्रकारो का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा परिवार सहित कराएंगे।
3.​पत्रकार परामर्श समिति का गठन करेंगे।
4.​पत्रकारों के लिए महानगरों में न्यू सिटी का निर्माण करेंगे।
5.​समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं डिजिटल समाचार पत्रों/चैनलों को विज्ञापन देने के लिए नए नियम बनाएंगे।
श्री कैस ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में पत्रकार हितेषी वचन प्रशंसनीय हैं लेकिन पत्रकार सुरक्षा कानून का नदारद होना चिंता का विषय है।पूरे वचन पत्र में 2018के वचन पत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून और अधिवक्ता सुरक्षा कानून का न होना निराशाजनक है।