इंदौर 15 सितंबर 2018
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह निर्देश दिये गये है कि विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान मैदानी प्रशासन के अधिकारियों को पारदर्शिता एवं निष्पक्षता से कार्य करना हैं। सभी मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों की गतिविधियों पर निगाह रखी जाएगी।
कमिश्नर श्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि आम जनता, राजनीतिक दलों एवं अन्य हितधारकों से सीधे संपर्क में आने वाले मैदानी/अधिकारी/कर्मचारियों का यह दायित्व बनता है कि वह विधानसभा निर्वाचन 2018 के मद्देनजर अपनी प्रत्येक गतिविधि से पारदर्शिता एवं निष्पक्षता की नजीर पेश करें। इसके लिए उन्हें “रूल ऑफ लॉ” के सिद्धांत का अक्षरश: पालन करते हुए विभिन्न अधिनियम जैसे दण्ड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दण्ड संहिता संपत्ति विरूपन निवारण, कोलाहल नियंत्रण, मोटरयान, आबकारी, आर्म्स आदि के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
उपरोक्त प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने हेतु आवश्यकतानुसार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अथवा दण्डात्मक कार्यवाही हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), थाना प्रभारी, निरीक्षक आदि जिम्मेदार हैं।
कमिश्नर श्री राघवेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक का यह दायित्व होगा कि वह यह मॉनिटर करें और चेक करें कि “रूल ऑफ लॉ” का पालन उनके कनिष्ठ मैदानी कर्मचारी जैसे आरक्षक, पटवारी, पंचायत, सचिव आदि से लेकर अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), थाना प्रभारी आदि तक किया जा रहा हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को अपने जिले के मैदानी अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा अभी से लेकर पारदर्शिता तथा निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए “रूल ऑफ लॉ” का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु वरिष्ठ निर्वाचन कार्यालय को सूचित किया जाना चाहिए।