आचार्युलू ने आरटीआई कानून में संशोधन करने वाले प्रस्तावित विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि किसी भी प्रारूप में किसी बदलाव की कोई जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि सरकार ने कहा था कि वह मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) और सूचना आयुक्तों के वेतन और सेवाओं पर नियम बनाने के लिए 2005 के इस कानून में संशोधन करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.
वह पिछले महीने आयोग में अपने सहकर्मियों को लिखे पत्र में इस चिंता से उन्हें वाकिफ करा चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार इस चिंता को समझे और किसी भी प्रारूप में कोई संशोधन नहीं करे.उन्होंने कहा कि किसी तरह के संशोधन की कोई जरूरत नहीं है और संस्था और अधिनियम को संरक्षित किया जाना चाहिए.आचार्युलू ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को भी यह वादा करना चाहिए कि सत्ता में आने पर वे आरटीआई कानून को कमजोर नहीं करेंगे.उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि प्रस्तावित संशोधन विधेयक केंद्र और राज्य सूचना आयुक्तों की स्वतंत्रता को कमजोर करने की कोशिशें हैं और उन्होंने इसे वापस लेने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त को प्रस्तावित विधेयक वापस लेने का अनुरोध करने के लिए सरकार को एक आधिकारिक पत्र भेजने को कहा था।