नई दिल्ली: केंद्र सरकार श्रम कानून यानी लेबर कोड के नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी में है। उम्मीद है कि नया लेबर कोड 1 अक्टूबर से लागू होने की संभावना है। इसके तहत कर्मचारियों को सप्ताह में चार दिन ही काम करना होगा जबकि तीन दिन छुट्टी रहेगी। हालांकि इसके लिए कर्मचारियों के 8 घंटे के बदले 12 काम करने होंगे।
इतना ही नहीं नए नियमों में 30 मिनट की गिनती कर 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त काम को ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा समय में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम के योग्य नहीं माना जाता है। वहीं कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधे घंटे का आराम दिए जाने का भी प्रावधान है।
खबरों के मुताबिक मोदी सरकार 1 अक्टूबर से नए लेबर कोड के नियम लागू कर सकती है। इससे पहले सरकार 1 जुलाई से लेबर कोड के नए नियमों को लागू करना चाहती थी, लेकिन राज्य सरकारों की तरह से उचित तैयारी नहीं होने की वजह से इसे टाल दिया गया। जानकारी के मुताबिक अगर सबकुछ ठीक रहा तो सरकार अब इसे 1 अक्टूबर से लागू कर सकती है।
गौरतलब है कि संसद ने अगस्त 2019 में तीन श्रम संहिता, औद्योगिक संबंध, काम की सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित नियमों में संशोधन किया था। ये नियम सितंबर 2020 को पारित किए गए थे।
नए श्रम संहिता के नियमों को लागू होने पर सरकारी के साथ-साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन, ग्रेच्युटी और पीएफ में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। नए नियम के मुताबिक मूल वेतन कुल वेतन का 50 फीसदी या उससे अधिक होना चाहिए। इससे कर्मचारियों के वेतन के ढांचे में बड़ा बदलाव आएगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी के मद में कटने वाली रकम में बढ़ोतरी हो जाएगी। टैक होम यानी खाते में आने वाली सैलरी कम हो जाएगी, लेकिन रिटायरमेंट पर मिलने वाला पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा बढ़ जाएगा।