भोपाल इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने का विरोध

भोपाल।राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद मध्यप्रदेश ने मुख्यमंत्री शिव राज सिंह द्वारा भोपाल इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इस पर तत्काल रोक की मांग की।

परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि सरकार वैधानिक प्रकिया के विपरीत आचरण अपनाकर जबरदस्ती कमिश्नर प्रणाली थोप रही है। प्रणाली को लागू करने से पूर्व विधि वैत्ताओ ,जनप्रतिनिधियों ,प्रशासनिक अधिकारियों से मंत्राणा किए बिना ,दावे आपत्ति लिए बिना वैधानिक प्रकिया का पालन नहीं करके सीधे लागू करना केवल और केवल हिटलर शाही का प्रमाण है।

श्री कैस ने कहा सरकार क्या गारंटी देती है कि कमिश्नर प्रणाली से अपराध की रोकथाम होगी।पूर्व की 2008की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और 2014की डी आई जी प्रणाली लागू करके सरकार देख चुकी है।भोपाल इंदौर को प्रयोगशाला बनाकर मानव अधिकारों के हनन पर आमादा सरकार को पहले कमिश्नर प्रणाली के गुण दोषों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिए। पुलिस व्यवस्था में सुधार,संसाधनों की बढ़ोतरी ओर ईमानदार अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करनी होगी।कमिश्नर प्रणाली केवल थोपी हुई योजना है और इसका परिणाम केवल मानव अधिकारों का हनन होगा। पुलिस को मिली अपार शक्ति का परिणाम होगा कि फर्जी इनकाउंटर के रूप में अब भोपाल और इंदौर भी बाकी महानगरों की भांति सुर्खियां बटोरेंगे।

राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद ने यशस्वी मुख्यमंत्री से मांग की कि कमिश्नर प्रणाली लागू करने में इतनी तत्परता न दिखाते हुए व्यवथा में सुधार,संसाधनों में बढ़ोतरी की ओर ध्यान दें।