इंदौर। 02 शादियां करने वाले गृहस्थ संत भय्यूजी महाराज आत्महत्या केस में पुलिस ने शुक्रवार को प्रमुख सेवादार विनायक दुधाले, शरद देशमुख और पलक पुराणिक नामक युवती को धारा 306, 384 और 34 के तहत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि पलक और भय्यूजी के बीच प्रेम संबंध थे। वो भय्यूजी पर शादी के लिए दवाब बना रही थी। खर्चे के नाम पर भय्यूजी, पलक को लाखों रुपए दे चुके थे। भय्यूजी की पूरी कहानी में उनके आसपास मौजूद सार किरदार लालची और खुद भय्यूजी एक कमजोर और भटक जाने वाले इंसान नजर आ रहे हैं।
एएसपी प्रशांत चौबे के मुताबिक, महाराज ने पिछले वर्ष 12 जून को घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। दूसरी पत्नी आयुषी ने आरोप लगाया कि पति को फूटी कोठी निवासी पलक पुराणिक और सेवादार विनायक दुधाले, शरद देशमुख ब्लैकमेल कर रहे थे। भय्यूजी महाराज ने उनसे परेशान होकर आत्महत्या की थी।
केयर टेकर के तौर पर हुई थी पलक की एंट्री
पलक, भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी माधवी की मौत के बाद केयर टेकर के तौर पर नियुक्त की गई थी। धीरे धीरे भय्यूजी महाराज और पलक के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। पलक को भय्यूजी महाराज ने अपने बेडरूम में ही शिफ्ट कर लिया था। पलक के कपड़े भी भय्यूजी महाराज की अलमारी में ही होते थे। पलक ने भय्यूजी महाराज के साथ संबंधों के वीडियो एवं फोटो बना लिए थे। भय्यूजी महाराज और पलक वॉट्सएप पर अश्लील चैटिंग करते थे। पलक ने यह सबकुछ भी सेव कर लिया था। वो भय्यूजी महाराज से शादी करना चाहती थी।
इस बीच भय्यूजी महाराज को शिवपुरी निवासी आयुषी से प्यार हो गया। वो पलक से दूर रहने लगे। 17 अप्रैल 2017 को भय्यूजी महाराज ने आयुषी से शादी कर ली। पलक ने हंगामा किया तो भय्यूजी महाराज ने उससे 1 साल का समय मांगा। इस 1 साल में भय्यूजी महाराज ने शादी के कपड़े, ज्वेलरी आदि खरीदने हेतु पलक को 25 लाख रुपए दिए।
सेवादार विनायक और शरद, पलक का साथ दे रहे थे
एएसपी के मुताबिक, ब्लैकमेलिंग का षड्यंत्र सेवादार विनायक और शरद ने रचा था। दोनों ही पलक को उकसाते थे। महाराज ने कई बार पलक से पीछा छुड़ाने की कोशिश भी की। वे मोबाइल नंबर बदलकर कमरे में छिप जाते थे। विनायक मौका देखकर पलक को कॉल कर देता था। महाराज से कहता था कि वह दुष्कर्म का केस दर्ज करवाने की धमकी दे रही है। महाराज घबराकर पलक से बात करते थे। विनायक मुंह बंद करने के नाम पर लाखों रुपये महीने लेकर जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि महाराज को कई बीमारियां थीं। विनायक और पलक उन्हें दवाइयां देते थे। विनायक उन्हें शारीरिक रूप से कमजोर करने की गोलियां खिला देता था।
वाट्सएप पर महाराज-पलक की अश्लील चैटिंग मिली
जून 2017 में जब महाराज आयुषी से शादी कर रहे थे, तब विनायक और शरद ने कॉल कर पलक को सिल्वर स्प्रिंग स्थित घर बुला लिया। पलक महाराज के बेडरूम में घुस गई और कहा कि उसे शादी करना है। महाराज की बहन रेणु और अनुराधा ने उसे धक्के देकर निकाल दिया। पुलिस ने यह वीडियो घर से बरामद कर लिया। उधर, पलक व महाराज के मोबाइल का डेटा रिकवर करवाया तो, दोनों की अश्लील चैटिंग और विनायक से बातचीत भी मिल गई। पलक ने कई बार विनायक से साजिश सफल होने के बारे में पूछा था। विनायक उसे आश्वासन देता था।
महाराज की मौत के बाद विनायक करोड़ों रुपये लेकर भागा
भय्यूजी महाराज आत्महत्या केस की सबसे पहले जांच तत्कालीन खजराना सीएसपी मनोज रत्नाकर ने की थी। रत्नाकर ने पत्नी आयुषी और बेटी कुहू के विवाद में आत्महत्या करना बताया और जांच बंद कर दी। अचानक महाराज का पूर्व ड्राइवर कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ महाराज के वकील राजा उर्फ निवेश बड़जात्या से पांच करोड़ रुपये मांगने के आरोप में पकड़ा गया। भाऊ ने पूछताछ में कहा कि महाराज के करोड़ो रुपये विनायक के पास है। महाराज ने पलक, विनायक और शरद के दबाव में ही आत्महत्या की है। इस खुलासे के बाद आयुषी और कुहू ने डीआईजी को गोपनीय शिकायत कर जांच की मांग की। आजाद नगर सीएसपी अगम जैन ने सेवादार, ड्राइवर, दोस्त, ट्रस्टी सहित करीब 30 लोगों से पूछताछ की और रिपोर्ट डीआईजी को सौंप दी।