भारतीय मीडिया फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नें पत्रकारो पर हो रहें उत्पीड़न के खिलाफ किया प्रेस वार्ता
पत्रकारों की हित की बात आती है तो सभी पत्रकारों को एक जुट होकर अपनी आवाज को बुलंद करना चाहिए। उनके हित में जो भी आवाज उठाये उसका पुरजोर समर्थन करना चाहिए। इसी क्रम में पत्रकारो के हित में आवाज उठाने वाले ने पत्रकार होने के नाते मुझसे आगृह किया कि उनकी पत्रकारों की हक में की गयी बातों पर अपने जिले से खबर प्रकाशित कर आगे बड़ने का कार्य करे। भारतीय मीडिया फाउण्डेशन की पत्रकारो पर हो उत्पीड़न के खिलाफ व पत्रकारो के हित में भारत सरकार से कुछ मांगो क़ो रखते हुए 22 सितंबर 18 को शाम 4 बजे से चित्रकूट कान्वेंट इण्टर कालेज नक्खिघाट में प्रेस वार्ता किया गया।
प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय अध्यक्ष नें कहा की भारत देश के अन्दर मीडिया की आजादी का 136वाँ नम्बर आता है लेकिन यह आजादी आज बेडियों में जकड़कर रह गयी है। आये दिन पत्रकारों का उत्पीड़न हो रहा है शोषण हो रहा है। सरकार हर वर्ष बजट में सब के बारे मैं सोचती है लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मैं कार्य कर रहे, को राष्ट्रवादी सोच के पत्रकार जिनका धर्म ही राष्ट्र की सेवा करना है उनके लिए सरकार की तरफ से कभी कोई भी ना बजट लाया जाता है। उनकी तरक्की के लिए उनके बच्चों की परवरिश के लिए उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अगर वह किसी घटना का शिकार हो जाए तो उसकी भरपाई के लिए सरकार कोई कानून नहीं बनाती है और ना ही कोई घोषणा करती है। आज लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खून के आंसू बहा रहा है। प्रधानमंत्री से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को शक्ति प्रदान करते हुए भारतीय मीडिया फाउंडेशन की तरफ से कुल 6 मांगों को मांगा गया है।
पहला केंद्र व राज्यों में जल्द से जल्द मीडिया कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाए इस बोर्ड में चपरासी से लेकर चेयरमैन की नियुक्ति मीडिया से जुड़े हुए कर्मियों की की जाए। दूसरा भारत देश का पत्रकार आज आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है जिसके कारण उस पर आए दिन आरोप लगते रहते हैं जबकि ऐसा नहीं है वह अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाता है चाहे नेताओं के इलेक्शन में प्रमोशन हो या सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना यह सब कार्य मीडिया ही करता आया है और करता रहेगा। आज भारत का पत्रकार आर्थिक तौर पर कमजोर है उसकी इस स्थिति क़ो ध्यान में रखते हुए प्रत्येक पत्रकार बन्धुओं क़ो जो आँन कमीशन काम कर रहा हैँ या अवैतनिक अपनी सेवाऐं देश क़ो पत्रकारिता के रूप में दें रहें हैँ उन सब क़ो 10000रुपए महीना पत्रकार सुरक्षा भत्ता सरकार की तरफ से देने की अविलम्ब घोषणा की जाय और इस पर कानून जल्द से जल्द बनाया जाय। आज देश के पत्रकार पर चाहे अफसरशाही हो चाहे राजनीतिक लोग हैँ सब हावी होते हुए नजर आ रहें हैँ इसके लिये भी सख्त से सख्त कानून बनाया जाए। पत्रकारों क़ो उनका काम स्वतंत्रता के साथ करने की छूट हो अगर कोई पत्रकार का उत्पीड़न करता हैँ या उसको डराता धमकाता हैँ तो उस व्यक्ति के खिलाफ थाने में 24 घंटे के अन्दर एफआईआर दर्ज हो और उस व्यक्ति क़ो गैर जमानती वारण्ट जारी कर जेल के अन्दर डाला जाये। पत्रकार की आकस्मिक मृत्यु होने पर या दुर्घटना ग्रस्त होने पर सरकार की तरफ से बगैर कोई फार्मेलिटी पूरी करते हुए सूचना के आधार पर उसको सरकार की तरफ से सहायता राशि प्रदान की जाय। उसकी मृत्यु पर उसके परिजनों क़ो कम से कम 5000000 रुपया आकस्मिक दुर्घटना में अपंग होने पर उसे 2500000 रुपया सरकार की तरफ से तुरन्त प्रदान किया जाये ऐसा कानून केन्द्र सरकार जल्द से जल्द बनाए। अगर पत्रकार व उसके परिवार के किसी व्यक्ति क़ो कोई भी गम्भीर बीमारी हो उसका इलाज सरकार कराये। देश के सभी हाईवे पर बने टोल टैक्स पर मीडिया कर्मियों के वाहन टोल टैक्स फ्री किये जाये। भारत देश के अन्दर ट्रेनय बस य हवाई जहाज सभी में पत्रकारो क़ो निरूशुल्क यात्रा सरकार की तरफ से करायी जाय वह विदेशों में हवाई सफर भी पत्रकारों के लिये निःशुल्क हो ऐसा कानून सरकार जल्द से जल्द बनाए।