जबलपुर। बालिग होने से पहले सहमति से सेक्स भी बलात्‍कार के दायरे में आएगा और इसके लिए नाबालिग की सहमति को वैध नहीं माना जाएगा। मध्‍य प्रदेश हाईकोर्ट ने कुछ इसी तरह का फैसला सुनाते हुए चाइल्‍ड रेप के एक मामले में सत्र अदालत के फैसले को खारिज कर दिया, जिसने मामले में आरोपी को इस आधार पर बरी कर दिया था कि इस मामले में सेक्‍स संबंध दोनों की सहमति से बना था।

निचली अदालत ने इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट को खास तौर पर तवज्‍जो दी थी, जिसमें पीड़‍िता के शरीर पर किसी तरह के जख्‍म नहीं पाए जाने की बात कही गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि पीड़‍िता ने इस घटना की तुरंत जानकारी भी किसी को नहीं दी, जिससे जाहिर होता है कि यह संबंध आपसी सहमति से स्‍थापित हुआ था। हालांकि हाईकोर्ट ने इस फैसले को पूरी तरह पलट दिया।

हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार की याचिका पर इस मामले में निचली अदालत के फैसले को पलट दिया। सरकार ने 2016 के इस मामले में हाई कोर्ट में रिविजन प‍िटिशन दायर की थी, जिस पर यह फैसला आया। हाई कोर्ट ने पाया कि घटना के वक्‍त लड़की की उम्र 14 साल से भी कम थी और इस दौरान उसकी सहमति का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने के लिए प्ले स्टोर में सर्च करें .http://www.khabrenaajtak.com