शिवराज सरकार के हाथों फिर ठगा गया पत्रकार समाज
डॉक्टर सैयद खालिद कैस एडवोकेट
समीक्षक,आलोचक,विचारक
निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए आखिर बिगुल फूंक दिया। चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही सरकार के लोक लुभावन वादो पर अब लगाम लग गई है। शिवराज सरकार सहित भाजपा का मध्य प्रदेश में 20 साल का शासन रहा। इस अंतराल में न तो भाजपा को और न ही शिवराज सिंह चौहान को पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करने के प्रति कोई रुचि रही और न ही उनके द्वारा कोई प्रयास किया गया। लेकिन पत्रकार सुरक्षा कानून के प्रति पत्रकार बिरादरी की नाराज़गी को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने गत अगस्त माह में अचानक अपने निवास पर ” पत्रकार समागम” का पाखंड कर पत्रकार बिरादरी को खुश करने का अंतिम प्रयास कर डाला और उसी अवसर पर लगे हाथ पत्रकार सुरक्षा कानून निर्माण के लिए एक समिति बनाने की घोषणा भी कर दी जो घोषणा के 15दिन बाद आखिर अस्तित्व में आई। गृह मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय बनाई गई यह समिति वास्तव में झूठी इबारत साबित हुई। समिति गठन के बाद सरकार ने बिना किसी सूचना,दावे आपत्ति आमंत्रित किए चुपके से एक बैठक भी कर ली और दूसरी बैठक की तैयारी कर ली और अब आचार संहिता लागू हो गई। लिहाजा सरकार का पत्रकारों को पत्रकार सुरक्षा कानून के नाम पर दिया गया झुनझुना बजने से पहले ही नष्ट हो गया।
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा भी बिना मांगे उक्त समिति को गत दिवस” पत्रकार सुरक्षा कानून ” के ड्राफ्ट सहित पत्रकार हितों के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए।समिति के एक सदस्य से अनौपचारिक बातचीत में जब मुझे ज्ञात हुआ कि उक्त समिति ने जिस खामोशी से कागजी कार्यवाही कर बैठक बुलाई और प्रदेश के पत्रकार संगठनों को कानो कान खबर नहीं लगने दी जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून के प्रति उदासीनता बरत रही है।
गौर तलब हो कि प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा भारत सरकार से जब पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के संबंध में ज्ञापन भेजा था जिसके संबंध में गृह मंत्रालय भारत सरकार ने अपना जवाब दाखिल करते हुए अवगत कराया था कि भारत सरकार ने 2017में देश भर के पत्रकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिए एक गाइड लाइन बनाई थी लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मध्य प्रदेश सरकार सहित अन्य राज्यों द्वारा उस गाईड लाइन पर अमल नहीं किया नतीजतन आज पत्रकार बिरादरी असुरक्षा के बीच जीवन गुज़ार रही है।
बहरहाल एक बार और यह साबित हो गया कि घोषणा वीर शिवराज सरकार ने फिर पत्रकार बिरादरी को ठग लिया और बीस साल के लम्बे अंतराल के बावजूद भाजपा मध्य प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं करा पाई।
अफसोस।।।
पत्रकार एकता जिंदाबाद
पत्रकार सुरक्षा कानून हमारा अधिकार ।
पत्रकार सुरक्षा कानून हमारा लक्ष्य।।।