निष्पक्ष पत्रकारिता पर सरकारी हस्तक्षेप भी चिंता का विषय

 

सैयद खालिद कैस

संस्थापक अध्यक्ष

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट

हमारे संविधान में प्रत्येक भारतीय को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। यही कारण है कि भारतीय मीडिया अपने अधिकार क्षेत्र में सशक्त और उत्तरदायी मीडिया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व से अब तक भारतीय मीडिया ने भारत निर्माण में महत्वपूर्ण व निष्पक्ष भूमिका निभाई है। मगर जब से बाजारवाद का उदय हुआ तब से भारतीय पत्रकारिता में काफी उतर-चढ़ाव देखने में आए हैं। यहां तक कि भारतीय पत्रकारिता की अस्मिता पर भी सवाल उठे। ये सवाल उसकी नैतिकता, स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर हावी होते रहे हैं। इसके बावजूद निष्पक्ष पत्रकारिता पर सरकारी हस्तक्षेप भी चिंता का विषय है। सरकार के लगातार मीडिया पर अघोषित नियंत्रण का ही परिणाम है कि देश में पत्रकारिता पर हमले पर न्यायपालिका तक को चिंता जाहिर करना पड़ रही है। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि ‘किसी लोकतांत्रिक गणराज्य के सुचारु रूप से चलते रहने के लिए स्वतंत्र प्रेस आवश्यक है। लोकतांत्रिक समाज में उसकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह राज्य (देश) के कामकाज पर रोशनी डालती है।

एक स्वतंत्र प्रेस हमारे लोकतांत्रिक समाज में एक आवश्यक भूमिका निभाता है जैसे -सरकारों को जवाबदेह ठहराना, भ्रष्टाचार, अन्याय और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करना, समाज को सूचित करना और उन्हें प्रभावित करने वाले निर्णयों और नीतियों में शामिल होना। लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए विचारों का मुक्त आदान-प्रदान, सूचना और ज्ञान का मुक्त आदान-प्रदान, बहस और विभिन्न दृष्टिकोणों की अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है। एक स्वतंत्र प्रेस अपने नेताओं की सफलताओं या विफलताओं के बारे में नागरिकों को सूचित कर सकता है। स्वतंत्र प्रेस लोगों की जरूरतों और इच्छाओं को सरकारी निकायों तक पहुंचाता है, सूचित निर्णय लेता है और परिणामस्वरूप समाज को मजबूत करता है। स्वतंत्र प्रेस विचारों की खुली चर्चा को बढ़ावा देता है जो व्यक्तियों को राजनीतिक जीवन में पूरी तरह से भाग लेने की अनुमति देता है।

स्वतंत्र प्रेस सरकार के फैसलों पर सवाल खड़ा करता है और उसे जवाबदेह बनाता है। हाशिये के लोगों की आवाज बनता है। जनता की आवाज होने के कारण स्वतंत्र प्रेस लोगों को राय व्यक्त करने का अधिकार देता है। इस प्रकार, लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया महत्वपूर्ण है। इन विशेषताओं के कारण, मीडिया को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बाद लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है।

प्रेस का कार्य लोगों तक सच पहुंचा कर उन्हें जागरुक करना है, लेकिन बदलते वक्त के साथ उससे ये हक छीन लिए गए हैं. आज दुनिया भर से पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की खबरें सामने आती रहती हैं।

स्वस्थ लोकतंत्र को आकार देने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह लोकतंत्र की रीढ़ है। मीडिया हमें दुनिया भर में होनेवाले विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों से अवगत कराता है। यह एक दर्पण की तरह है, जो हमें दिखाता है या हमें सच्चाई और कठोर वास्तविकताओं को दिखाने का प्रयास करता है।

मीडिया ने नि:संदेह विकास किया है और हाल के वर्षों में अधिक सक्रिय हो गया है। यह मीडिया ही है, जो राजनेताओं को चुनाव के समय अपने अधूरे वादों के बारे में याद दिलाता है। चुनाव के दौरान न्यूज़ चैनल अत्यधिक कवरेज लोगों तक पहुंचाता है; विशेषकर अशिक्षित व्यक्ति को भी सत्ता के चुनाव में मदद करता है। यह अनुस्मारक सत्ता में बने रहने के लिए राजनेताओं को अपने वादे के लिए मजबूर करता है। टेलीविजन और रेडियो ने ग्रामीण लोगों को अपनी भाषा में सभी घटनाओं के बारे में जागरूक करने में ग्रामीणों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। गांव के सिर और धन के शोषणकर्ताओं के शोषण के अपशिष्टों के कवरेज ने सरकार के ध्यान को आकर्षित करके उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने में मदद की है।

मीडिया भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कमियों को उजागर करता है, जो आखिरकार सरकारों को कमियों की रिक्तता को भरने और एक प्रणाली को अधिक जवाबदेह, उत्तरदायी और नागरिक-अनुकूल बनाने में मदद करता है। सूचना प्रौद्योगिकी की उम्र में हम जानकारी के साथ बमबारी कर रहे हैं। हम सिर्फ एक माउस के एक क्लिक के साथ विश्व की घटनाओं की नब्ज प्राप्त करते हैं। सूचना के प्रवाह में कई गुना बढ़ गया है। राजनीति और समाज में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को उजागर करने में प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन (पत्रकार) के सही मिश्रण ने एक भी पत्थर नहीं छोड़ा है।

पिछले कुछ वर्षों में मीडिया पर लगातार हमले बढ़े हैं।पत्रकारों की देश भर में हो रही लगातार हत्याओं,अत्याचारों,प्रताडनाओ के खिलाफ अभियान चलाने वाले अखिल भारतीय संगठन प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट लगातार पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए देश भर में मज़बूती से आवाज़ उठा रहा है। पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत संगठन ने तमाम देश के पत्रकारों को आव्हान किया है कि अपनी सुरक्षा एवम कल्याण के लिए जागृत होकर देशव्यापी अभियान में सहयोग प्रदान करें।