नए वर्ष पर विशेष –
भोपाल । नए साल का पहला दिन रात के जश्न के बाद जहां युवाओ की खुमारी का आलम था , वही मंत्री सन्त्रियो के यहां मुबारकबाद का हुजूम था । कार्यकर्ता अपने नेताओ के दरबार में तो नेता अपने आकाओं के दरबार में हाज़िरी और मुबारकबाद पेश करते नज़र आए । परंतु इन सबके बीच एक ऐसा नेता भी था जो तमाम मुबारकबाद के हुजूम और भीड़ से दूर कौम , मिल्लत और खास तौर पर अपने मुल्क और उसके संविधान की रक्षा के लिए कड़ाके की ठंड के बावजूद परिवार और ऐशोआराम को छोड़कर मोर्चे पर डटा था । डटा था केंद्र की भाजपा सरकार के देश को बर्बाद करने के मंसूबे के ख़िलाफ़ ।
जी हां वह मर्द ए मुजाहिद है , भोपाल मध्य विधानसभा का लोकप्रिय कॉंग्रेस विधायक आरिफ मसूद । जो आज कड़ाके की ठंड और नए साल के तमाम जश्न को त्याग कर करोंद स्थित हाउसिंग बोर्ड दशहरा मैदान में एनआरसी और सीएए के वार्ड 77 पार्षद मुबारिका कमरूददीन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में अपने साथियों और सैकड़ो लोगों के साथ डटे रहे। इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि भाजपा ने हमेशा देश में नफरत फैलाने का काम किया है और कांग्रेस हमेशा लोगों को जोड़ने का काम करती है। इस काले कानून को भाजपा देश में लाकर नफरत फैलाने का कार्य कर रही है। कांग्रेस हमेशा सभी को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। भाजपा अपने एक भी नेता का नाम बताए जिसने आजादी में अपनी कुर्बानी दी है। कांग्रेस पार्टी ने आजादी की लड़ाई में अपने नेता शहीद किए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे इस विरोध में सबसे ज्यादा हिन्दु भाई हमारे साथ हैं। मैंने इस काले कानून के विरोध प्रदर्शन कर कहा था कि यदि यह मप्र में लागू होता है तो मैं अपने विधायक पद से इस्तिफा दे दूंगा। इसके बाद अनेक लोगों ने मुझे कहा कि आपने जज़्बात में इतनी बड़ी बात बोल दी। मैं धन्यवाद करना चाहता हूं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का जिन्होंने उस बयान के तीन बाद ही घोषणा जो बिल पास हुआ है उसे प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। आरिफ मसूद ने कहा कि आज इस देश में जो हालात बने उसके जिम्मेदा हम हैं। हमने ही इन्हें पनपने का मौका दिया है। मैं प्रियंका गांधी जी को धन्यवाद देता हूं जो भारी सर्द रात में इस काले कानून के विरोध में इंडिया गेट पर प्रदर्शन पर बैठी रही। मैं दिग्विजय सिंह जी भी धन्यवाद देता हूं जो इकबाल मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन में इसके विरोध में खडे़ हुए। उन्होंने कहा कि नफरत की बात हमेशा आरएसएस और बीजेपी करती है। यह मुल्क ज्यादा दिन तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेगा। ये वक्त जालीमों के खिलाफ खडे़ होने का है। उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इवीएम की सांसद हैं। यदि सही चुनाव होते तो सांसद दिग्विजय सिंह होते।
जहां एक और कॉंग्रेस विधायक आरिफ मसूद पूरी मुस्तेदी से संविधान की रक्षा के लिए संघर्षरत थे वहीं उत्तर विधानसभा से विधायक और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील इस प्रदर्शन से दूर ही रहें वहीं अपने करबला रोड स्थित बंगले पर भी लगभग 1बजे करीब पहुंचे और जनता दरबार में मशगूल हो गए । एनआरसी और सीएए के विरोध में भोपाल में लगातार हुए विरोध प्रदर्शन से उनकी दूरी और अनुपस्थिति भी उनकी नकारात्मक छवि को प्रदर्शित करती है बची खूची कसर आज उन्होने पूरी कर दी जब उनके बंगले पर प्रेस कौंसिल ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के कुछ पत्रकार उनको नव वर्ष की मुबारकबाद देने और वार्षिक केलेंडर का विमोचन कराने पहुंचे । पत्रकार तब अवाक रह गए जब मंत्री जी का व्यवहार उनके प्रति ऐसा दिखा जैसे वह पत्रकार नही आतंकी हों , केलेंडर के विमोचन से पूर्व उनके द्वारा उसका अवलोकन ऐसे किया गया जैसे कोई आंतकी सामग्री हो और फिर रस्म अदायगी कर उन्होने सबको चलता किया । उनके इस व्यवहार से एक बात तो सिद्ध हो गई कि उनके रूखे व्यवहार का ही परिणाम है कि प्रेस उनके आस पास नजर नही आती , वहीं भोपाल का शेर कहलाने वाले आरिफ मसूद हर दिल अजीज यूही नही कहलाते । यही अंदाज़ जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का है । वह सबसे बड़े स्नेह से मिलते हैं यह अलग बात है काम किसी किसी के ही आते हैं । 🤗
@ब कलम सैयद ख़ालिद कैस