ग्वालियर। सराफा कारोबारियों ने धारा 411 का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि ज्वेलरी सेक्टर कई विसंगतियों से गुजर रहा है। तरह- तरह की समस्याएं इसमें आ रही हैं, जिसमें प्रमुख समस्या है धारा 411, जो कि कबाड़ी से लेकर, सोना चांदी कारोबारी, साहूकार कार्पोरेट समूह पर भी लगती है। जिस प्रकार अन्य व्यवसायी अपने व्यापार में वस्तुओं की खरीद फरोख्त करते हैं, उसी प्रकार हम भी सोना एवं चांदी का क्रय विक्रय करते हैं तो क्या यह अपराध है, लेकिन पुलिस चोर के कहने पर धारा 411 की आड़ में पुलिस हमें प्रताड़ित करती है।
पुलिस झूठा फंसा देती है। जब धारा 377 में बदलाव हो सकता है तो धारा 411 में क्यों नहीं। इस धारा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। यह बात ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन म.प्र व सर्राफा एसोसिएशन ग्रेटर ग्वालियर की ओर से विक्की फैक्ट्री के एक हॉल में आयोजित सराफा कारोबारियों प्रदेश स्तरीय अधिवेशन में सराफा कारोबारियों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कही। इस अधिवेशन में प्रदेशभर से लगभग 600 कारोबारी शामिल हुए।
ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव संतोष सर्राफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार पुलिस को पहले स्वर्ण कारोबारी को एफआईआर दिखाई जानी चाहिए। माल का वजन आदि बताया जाना चाहिए परंतु ऐसा नहीं किया जाता और व्यापारी पर दबाव बनाकर निर्दोष होते हुए भी माल सरेण्डर कराया जाता है। प्रदेश के छोटे कस्बों में तो व्यापारियों को धारा 411 का भय दिखाकर एक ही प्रकरण में कई व्यापारियों से माल बरामद कर लिया जाता है।
यह धारा व्यापारी के उत्पीड़न का माध्यम बन गयी है। नियमानुसार एक वर्ष पूर्व की चोरी के प्रकरण में केवल ज्वेलर्स का बयान लिया जा सकता है, माल की बरामदगी नहीं की जा सकती है। जब धारा 377 में संशोधन में हो सकता है तो धारा 411 में क्यों नहीं। हमारे द्बारा इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में याचिका लगाने की तैयारियां की जा रही हैं ताकि धारा 411 में संशोधन हो सके।
मुख्य अतिथि संभागायुक्त बीएम शर्मा ने कहा कि किसी भी समाज के लिए यूनिटी बहुत आवश्यक है और इसके माध्यम से समस्या के निराकरण की ओर बढ़ा जा सकता है। विश्व में हमारे देश के लोगों में सोने के प्रति आकर्षण है। आपका व्यवसाय ईमानदारी पर आधारित है। देश के लोग आप पर विश्वास व्यक्त करते हैं। इसलिए इस अधिवेशन में ऐसी बातों पर चर्चा की जाए, जिससे समाज में आपकी विश्ववनीता बनी रहे।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरविन्द अग्रवाल, मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल, हुकुमचंद्र सोनी, पारस जैन, अभिषेक गोयल, संतोष सर्राफ, पुरुषोत्तम जैन, सुरेश चंद्र बिंदल, हरिओम गांगिल, राघवेन्द्र मुखरैया, जवाहर जैन, साकेत जैन, बालकृष्ण सरार्फ आदि मौजूद थे। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने एलईडी के माध्यम से कारोबारियों को संबोधित किया।
हमें संगठित होना चाहिए
ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुमचंद सोनी ने कहा कि हमारी एसोसिएशन पौधे के रूप में प्रारंभ होकर आज वृक्ष बन चुकी है। हमारी पहुंच प्रदेश के कई जिलों में हो चुकी है और प्रदेश की एसोसिएशन हमारी सदस्य हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश की प्रत्येक सोना चांदी एसोसिएशन हमारे सदस्य बने ताकि हम संगठित होकर सोना चांदी कारोबार में आर रही समस्याओं से संघर्ष कर सकें। शासन प्रशासन से अपनी मांग मनवा सकें।
-चैंबर के अध्यक्ष अरविन्द अग्रवाल ने कहा कि हम हमेशा आपके साथ रहे हैं। अधिवेशन उपरांत जो भी विषय आप उठायेंगे, उन्हें उचित मंच तक पहुंचाकर निराकरण कराया जाएगा। धारा 411 पर चैंबर ने पुलिस अधीक्षक से चर्चा की। एक्साइज ड्यूटी के आंदोलन में जिन व्यापारियों पर प्रकरण दर्ज हुए हैं, उन्हें हटाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
इस ओर कराया ध्यान आकर्षित
कारोबारियों ने कहा कि धारा 411 में एक चोर के कहने पर नहीं साहूकार, स्वर्ण कारोबारी के बयान के आधार पर कार्यवाही तय होना चाहिए। कार्यवाही से पहले यह जांच होना चाहिए कि माल जानबूझकर खरीदा गया है या अनजाने में।
– एक चोर के कहने पर हमसे माल तो बरामद कर लिया जाता है परंतु उस चोर पर कोई कार्यवाही नहीं होती जो कि माल बेचकर उन रुपयों से मौज उड़ा चुका होता है। हमारी मांग है कि उस चोर पर भी एक मुकदमा व्यापारी की ओर से दर्ज होना चाहिए ताकि पुलिस की इस निरंकुश कार्यवाही पर रोक लगे।
– साहूकारी अधिनियम लागू होने जा रहा है जिसमें साहूकारी लायसेंस के लिए क्षेत्र नोटिफाई किए जा रहे हैं, जो क्षेत्र नोटिफाय नहीं होंगे वहां के व्यापारी साहूकारी लायसेंस नहीं ले पाएंगे। इससे हमारे उन क्षेत्रों के कारोबारियों को नुकसान होगा। जिन्हें लायसेंस नहीं मिलेंगे। इस अधिनियम के तहत हमें अपने ग्राहकों की सूचनाएं भी शासन से साझा करनी होंगी जो कि हमारे ग्राहकों की निजता का हनन होगा। इस पर भी हमें कार्य करना है।
– शासन द्बारा हॉलमार्क शीघ्र ही लागू किया जाना है। जबकि धरातल पर देखा जाए तो देश में कुल 130 हॉलमार्क सेंटर हैं, ग्वालियर में एक ही सेंटर है, जिस पर पूरे संभाग का भार है। हमारी मांग है कि प्रत्येक जिले में हॉलमार्क सेंटर की स्थापना होने तक यह लागू न किया जाए।