भोपाल। हॉस्टल संचालक अश्विनी शर्मा के खिलाफ अपराध को पुलिस के 87 गवाह कोर्ट में प्रमाणित करेंगे। पुलिस ने बुधवार को एट्रोसिटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश पंकज गौड़ की अदालत में करीब 850 पन्नों का चालान पेश किया। चालान में मूक बधिर छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोपित अश्विनी शर्मा के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत दुष्कर्म, आईटी एक्ट और भांदवि की धाराओं के तहत मामले की सुनवाई करने का निवेदन किया गया है। अब अदालत 10 सितंबर को आरोपित के खिलाफ आरोप तय करेगी। इस दरमियान न्यायिक हिरासत में चल रहे आरोपित शर्मा को भी अदालत में पेश किया गया था।

पुलिस ने यह बताया आरोप पत्र में

पुलिस के आरोप-पत्र में कहा गया है कि दुष्कर्म की शिकार पीड़ित छात्रा वर्ष 2015-16 में दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए भोपाल आ गई थी। पीड़िता को सामाजिक न्याय विभाग ने पढ़ने के लिए भोपाल भेजा था जहां उसे गैस राहत विभाग के गोविंदपुरा आईटीआई में कोपा प्रशिक्षण केन्द्र में दाखिला दिया था। प्रशिक्षण के दौरान पीड़ित छात्रा को रहने और खाने पीने के लिए सामाजिक न्याय विभाग ने आरोपित शर्मा द्वारा संचालित अवधपुरी स्थित छात्रावास भेज दिया था। छात्रावास में आरोपित शर्मा ने धार जिले की मूकबधिर छात्रा के साथ 24 और 30 दिसंबर 2017 को डरा धमकाकर दुष्कर्म किया था। इससे पहले वह पीड़ित छात्रा व उसके साथ अन्य छात्राओं को मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाया करता था और अश्लील हरकत करता था।

शर्मा ने इसी तरह अन्य छात्राओं के साथ भी दुष्कर्म की घटना कारित की थी। पीड़ित छात्राएं निरंतर हो रही प्रताड़ना से तंग आकर अपने घर धार जाना चाहती थीं लेकिन आरोपित उन्हें वहां जाने से रोक लेता था। इसके बाद आरोपित ने पीड़ित छात्रा से 1 व 4 अगस्त 2018 को दुष्कर्म किया था। इंदौर में आनंद सर्विस सोसायटी की संचालिका मोनिका ज्ञानेन्द्र पुरोहित को पीड़ित छात्रा ने अपनी आपबीती सुनाई थी जहां से आरोपित शर्मा के घिनौने कृत्य का पर्दाफाश हुआ था।

अश्विन ने मांगी जेल में कॉपी,पेन की सुविधा

मूक-बधिर लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद आरोपित अश्विन शर्मा को बुधवार को पेशी पर जेल से कोर्ट लाया गया था। इस दौरान अश्विन ने न्यायालय से जेल में कॉपी,पेन और किताब आदि की सुविधा दिलाने की मांग की। साथ ही पुलिस द्वारा उसके खिलाफ पेश किए गए चालान की प्रतिलिपि भी देने का आग्रह किया। गौरतलब है कि मूलतः सोहागपुर का रहने वाला अश्विन पहले साधारण हॉस्टल संचालित करता था। बाद में उसकी पहचान सामाजिक न्याय विभाग के कुछ लोगों से हुई थी। उन्होंने दिव्यांग छात्राओं का हॉस्टल संचालित करने पर सरकारी मदद मिलने का भरोसा दिलाया था। बाद में विभाग अश्वनी शर्मा पर इतना मेहरबान हुआ कि हॉस्टल लड़कों के नाम पर रजिस्टर्ड होने पर भी उसमें लड़कियों को रखा गया और बाकायदा लाखों रुपए अनुदान के रूप में प्रदान भी किए गए।

गिरफ्तारी के बाद 20 दिन में पेश हुआ चालान

मूक-बधिर लड़कियों से दुष्कर्म,छेड़छाड़ के आरोप में अवधपुरी पुलिस ने 9 अगस्त को हॉस्टल संचालक अश्विनी शर्मा को हिरासत में लिया था। उसके खिलाफ दुष्कर्म के दो और छेड़छाड़ के भी दो केस में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें सबसे पहले दर्ज हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने 20 दिन में बुधवार को कोर्ट में चालान पेश कर दिया। तीन मामलों की विवेचना जारी है। आरोपित अश्विनी शर्मा वर्तमान में जेल में है।