कोतमा/ कार्यकारी जिलाध्यक्ष बनाकर २४ घंटे के भीतर संतोष पाण्डेय को पद से हटाया जाना वस्तुत: कांग्रेस मे ब्राम्हणों की दुर्दशा का परिचायक है। यह कांग्रेस पार्टी का आन्तरिक मामला बिल्कुल नही है। कांग्रेस ने संतोष पाण्डेय को बेवजह पद से हटा कर ब्राम्हण समाज का अपमान किया है। भाजपा के पूर्व जिला मीडिया प्रभारी मनोज द्विवेदी ने हाल की घटनाओं पर कांग्रेस को आडे हाथों लेते हुए कहा कि वह किसे पदाधिकारी बनाती है ,नही बनाती है यह उसका आन्तरिक मामला हो सकता है। लेकिन जिस तरह से पहले मंचीय आयोजनों मे युवा नेताओं को सार्वजनिक जलील किया गया,उसके बाद पाण्डेय को नियुक्ति के २४ घंटे बाद बिना कारण बतलाए पद से हटाया गया वह नितांत अपमान जनक है। इसका परिणाम कांग्रेस को आने वाले समय मे भुगतना होगा।
वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज द्विवेदी ने कांग्रेस पर ब्राम्हणों को मोहरे की तरह उपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि जिले के इतिहास मे पहले शंकर प्रसाद शर्मा, तिलक राज शर्मा,रामानंद पाण्डेय, प्रेमकुमार त्रिपाठी, भगवती शुक्ला,डा शंभू चटर्जी, डा गणेश चटर्जी, प्रमोद शर्मा,अशोक त्रिपाठी , वासुदेव चटर्जी ,विनोद शर्मा ,रामनरेश गर्ग ,रमेश पाण्डेय जैसे वरिष्ठ नेताओं से पिछले ४० साल से काम तो लिया गया ,लेकिन कभी जिलाध्यक्ष या महत्वपूर्ण दायित्व मे नही रखा गया।
नयी पीढी मे प्रबल दावेदारी होते हुए भी विकास पाण्डेय, आशीष त्रिपाठी, मयंक त्रिपाठी या ऐसे किसी युवा ब्राह्मण चेहरे को तरजीह नही दी गयी। अनूपपुर मे पिछले महीने एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने मंच से खुले आम न केवल दो युवा नेताओं को अपमानित किया बल्कि यह तक दावा किया कि तुमको जिलाध्यक्ष मैने नही बनने दिया।
अब दो दिन पूर्व पुष्पराजगढ विधायक के नजदीकी संतोष पाण्डेय को कार्यकारी जिलाध्यक्ष बनाने की घोषणा की गयी। बधाईयों का दॊर भी पूरा नही हो पाया था कि महज २४ घंटे मे उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गयी।यह शर्मनाक व अपमान जनक है। कांग्रेस ने इस समाज को हमेशा अपमानित ही किया है। जिसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव मे भुगतना होगा।
संतोष को हटा कर कांग्रेस ने किया ब्राम्हणों का अपमान — मनोज द्विवेदी
मोहरे की तरह उपयोग करना बन्द करे कांग्रेस