नियम के विरुद्ध 2 महीने का वेतन काटना भारी पड़ा न्यायालय ने इस नियम विरुद्ध बताते हुए तत्काल वेतन जारी करने के निर्देश दिए

देवास/बागली से सुनील योगी की रिपोर्ट

विगत कई महीनो से देवास जिला अधिकारी के अक्सर दोरे जिले में होते रहे हैं। आम जनता को इस दौरे से फायदा भी होता है। कुछ समस्या ऐसी रहती है जो जिला स्तर पर ही हल होती है दोर के दौरान ऐसी समस्याओं पर कारवाई होने से लोगों को राहत जरूर मिलती है। लेकिन इसी दौरे में पद का दुरुपयोग करते हुए शासकीय सेवा में लगे कर्मचारियों को आर्थिक रूप से जरूर से ज्यादा दंडित करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। अधिकतर कर्मचारी डर के चलते कुछ कह नहीं पाते और चुपचाप उसे सजा को सहन कर लेते हैं। ऐसे ही मामले में विगत दिनों बागली क्षेत्र में जिला कलेक्टर ऋषभ गुप्ता का दौरा हुआ और दोरे के दौरान अलग-अलग स्कूलों में अध्यापन कार्य करवाने वाले शिक्षक गोविंद राजपूत अब्दुल अजीज खान मौके पर संबंधित स्कूलों में नहीं मिले इस मामले मे अजय गुप्ता तो स्कूल मे उपस्थित थे। वहां बेठे बच्चो से कुछ जानकारी मांगी वह नही देने पर उन पर भी कारवाही कर दी गई इस प्रकार शिक्षक गोविंद राजपूत सी एम राइज स्कूल में अटैच है। तथा रफीक अजीज स्वयं छुट्टी का पत्र देकर गए फिर भी उन पर कार्रवाई हो गई।

दो माह का वेतन काटने की हुई थी कार्रवाई

इस अवस्था में जिला प्रशासन अधिकारियों ने अपनी निजी शक्ति का उपयोग करते हुए सख़्ती से पालन करते हुए संबंधित शिक्षकों के दो माह के वेतन काटने के आदेश जारी कर दिए। आदेश का पालन भी हुआ शिक्षक सदस्यों का वेतन रुक गया। जो उनके लिए बड़ा परेशानी भरा रहा। कारण स्पष्ट है। की प्रतिमाह वेतन प्राप्त कर जीविका चलाने वाले परिवार महीने के आखिरी दिनों में पूरा वेतन समाप्त होने के बाद शीघ्र ही नए वेतन का इंतजार करते हैं। ऐसे में लगातार 2 महीने का वेतन काटना मानव मूल्यों के साथ भी अनैतिकता है। इन शिक्षकों ने आदेश को नहीं मानते हुए उच्च न्यायालय की शरण ली सम्मानित न्यायालय के ने मानव मूल्य का ख्याल रखते हुए तथा उनके परिवार के सदस्य एवं छोटे बच्चों केपालन पोषण की जिम्मेदारी को सर्वोपरि मानते हुए उक्त आदेश को निरस्त करते हुए आदेशित किया कि तत्काल रूप से इन शिक्षकों का दो माह का रुका हुआ वेतन जारी किया जाए। संबंधित मामले में शिक्षको की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष गुप्ता एवं काजल रघुवंशी द्वारा की गई । यह निर्णय सार्वजनिक होते ही अन्य कर्मचारियों में भी उत्साह आ गया है। वह भी अब इस प्रकार की अनुचित करवाई का विरोध करने को तैयार है इसके पूर्व कई लोग इस प्रकार के आदेश का शिकार हो चुके हैं।

भारत की न्याय प्रणाली में न्याय सभी को मिलता है

इस संबंध में हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष गुप्ता एवं युवा अधिवक्ता काजल रघुवंशी ने बताया कि ऐसे कई मामले उनके पास आते हैं ।जिसमें उच्च अधिकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अधीनस्थ कर्मचारियों की और अन्य विभाग के कर्मचारियों के वेतन काटने का निर्देश जारी कर देते हैं लेकिन न्यायालय में उन्हें न्याय मिल जाता है और अधिकतर मामले में उनके पक्ष में फैसला आता है यही न्याय प्रणाली है।