एमईआरआई कॉलेज ने भूटान शिक्षक दिवस आयोजित किया

दिल्ली से स्टेट चीफ नीना गोयल की रिपोर्ट.

नई दिल्ली। एमईआरआई कॉलेज ने भारत भूटान मैत्री संघ (आईबीएफए) के सहयोग से गत दिवस ‘एम्पावरिंग एडुकेटर्स स्ट्रेधनिंग रिजिल्यंस, बिल्डिंग सस्टेनेबिलिटी’ विषय पर भूटान शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया है। भारत भूटान मैत्री संघ (आईबीएफए) का उद्देश्य शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यावरण संरक्षण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाना है। इस रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए, इस कार्यक्रम में शिक्षकों और शिक्षाविदों के महत्वपूर्ण योगदान को पहचान मिली और उन्हें सम्मानित किया गया। आईबीएफए के महासचिव डॉ. राजेश मेहता ने एमईआरआई समूह के संस्थापक और अध्यक्ष आईपी अग्रवाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए शिक्षक दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और भूटान शिक्षक दिवस के बारे में विस्तार से बताया, साथ ही छात्रों के भविष्य को आकार देने में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। मेहता ने भारत-भूटान मैत्री संघ (आईबीएफए) की भूमिका बताते हुए भारत और भूटान के बीच संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, उन्होंने अर्थव्यवस्था, जलविद्युत, पर्यटन और बुनियादी

कार्यक्रम के दौरान भूटान के राजदूत मेजर जनरल वी नाभग्याल के साथ रामकृष्ण स्कूल के छात्र डॉ. राजेश मेहता एमईआरआई शिक्षण समूह के प्रेसीडेंट श्री आईपी अग्रवाल, (बाएं) और दाएं से गुरु गोविन्द सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. दुर्गेश त्रिपाठी, एमईआरआई के वाइस प्रेसीडेंट प्रोफेसर डॉ. ललित अग्रवाल, डॉ. ममता अग्रवाल और कालेज की डीन प्रोफेसर डॉ. दीपशिखा कालरा एवं अन्य।

 

*ढांचे जैसे विभिन्न क्षेत्रों के उत्थान में आईबीएफए की भूमिका नई रोशनी डाली।*

 

कार्यक्रम में, फाउंडेशन फॉर ऑर्गनाइजेशनल रिसर्च एंड एजुकेशन के महानिदेशक डॉ. जितेंद्र दास और कर्मा बांगडी को सम्मानित किया गया। इसके बाद रामकृष्ण स्कूल के छात्रों द्वारा भूटानी नृत्य प्रस्तुत किया गया। एमईआरआई के छात्र आशीष बंसल

ने भूटान के तीसरे राजा पर प्रकाश डाला जिनका भूटान में शिक्षा को आकार देने में बहुत बड़ा योगदान था। कार्यक्रम में डॉ ममता अग्रवाल को शिक्षा जगत में उनके असाधारण कार्य के लिए शैक्षणिक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी और प्रो. उमेश गुप्ता को विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, एमईआरआई की डीन प्रोफेसर दीपशिखा कालरा को भी विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भूटान रॉयल दूतावास के राजदूत महामहिम मेजर जनरल वी. नामग्याल ने शिक्षक दिवस की भूमिका पर प्रकाश डाला। आईबीएफए के उपाध्यक्ष प्रोफेसर ललित अग्रवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया, अपने भाषण में उन्होंने भूटान रॉयल दूतावास के राजदूत महामहिम मेजर जनरल वी. नामग्याल के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रो. अग्रवाल ने भारत-भूटान संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने शिक्षा नीतियों के महत्व का भी उल्लेख किया और कोथाई आयोग और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विशेष संदर्भ दिया। इसके अलाबा उन्होंने भारत और भूटान के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने के लिए लोगों का आपस में संपर्क महत्वपूर्ण है। मार्केटिंग क्वेस्ट की एसोसिएट प्रोफेसर और मुख्य संपादक डॉ. शिखा गुप्ता ने कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पत्रिका मार्केटिंग क्वेस्ट के खंड 4 का विमोचन किया।

इस अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की राष्ट्रीय सचिव नीना गोयल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन मे कहा कि भूटान और भारत के सम्बन्ध पुरातन काल से हैं..शिक्षा और शिक्षक ही देश की तरक्की का मुख्य सूत्र हैं.

यह शिक्षक ही हैं जो हमें किसी भी कार्य को योग्य बनाता है. इस अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती नीना गोयल ने भूटान रॉयल दूतावास के राजदूत महामहिम मेजर जनरल वी. नामग्याल से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे…