नसबंदी ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत का मामला
इंदौर के डॉक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्जधार (सैयद रिजवान अली)
धार जिले के उमरबन के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर गत 29 दिंसबर की शाम को नसबंदी के दौरान महिला की मौत हो गई।
मामले में चार माह वरबाद 27 अप्रेल की शाम को उमरबन चौंकी पर इंदौर के निजी अस्पताल करुणा मैटरनिटी नर्सिंग होम का अनुबंध के डॉक्टर हेमंत पिता श्रीराम कंसल (अग्रवाल) निवासी एमरेल-6 सिल्वर स्प्रिंग फेस-2 बायपास रोड इन्दौर के खिलाफ धार 304 भादवि में प्रकरण दर्ज किया गया है।
मनावर टीआई कमलेश सिंगार ने बताया कि थाना मनावर के मर्ग क्रमांक 190/2023 धारा 174 जा.फौ. 29 दिंसबर 2023 को उमरबन के ग्राम लवाणी सुरानी की रहने वाली महिला लक्ष्मीबाई बघेल (27) की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई।
जिसको लेकर परिजन ओर पति राकेश बघेल, भाई धर्मेन्द्र चौहान, माता रेशमबाई चौहान, भाई जितेन्द्र चौहान के पुलिस ने कथन लिये गये थे।
पुलिस ने कथनों के आधार सीएचसी उमरबन में 86 महिलाओं का एलटीटी आपरेशन के बाद मृतिका लक्ष्मीबाई बघेल का एलटीटी आपरेशन डाक्टर हेमंत कंसल द्वारा करते समय मृत्यु होना तथा मृतिका लक्ष्मी बघेल की प्राथमिक मर्ग जांच इंटीमेंशन, सफिना फार्म जारी कर शव का पंचनामा बनाकर सिविल अस्पताल मनावर में डॉक्टरों की पेनल बनाकर पीएम कराया गया था। मामले को लेकर जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी ने डॉक्टर हेमंत कंसल के खिलाफ विरुध्द जांच कर 26 अप्रेल को पुलिस प्रशासन को पत्र प्राप्त हुआ जिसका अवलोकन करते डक्टर हेमंत कंसल ओर उनकी टीम को संस्था द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के तहत प्रातः 9 बजे से शाम 4 बजे तक एक दिन में अधिकतम 30 नसबंदी केस किये जायेंगे।अधिकारीयों के जाँच प्रतिवेदन में डॉ हेमंत कंसल द्वारा सीएचसी उमरबन में 87 महिलाओं का LTT आपरेशन किये गये सबसे अंतिम मृतिका लक्ष्मी पति राकेश बघेल का LTT आपरेशन के पूर्व मृतक महिला के दो सीजेरियन आपरेशन से डिलेवरी हुई थी यह मालूम होते हुऐ भी डाक्टर हेमंत कंसल ने LTT आपरेशन के दौरान 10 एमएल co2 डालनी चाहिये थी लेकिन 02 एमएल co2 डाली थी। जिससे मृतिका लक्ष्मीबाई की मृत्यु हुई है।साथ ही डाक्टर हेमंत कंसल ने जाँच प्रतिवेदन में क्रंमाक 1 से 7 तक नियम बिन्दुओं का पालन नही किया। जो घोर लापरवाही (उपेक्षा) कर मानव अपराधिक वध होना पाया गया है।
घटना 29 दिंसबर 2023 शुक्रवार रात करीब 9 बजे की है।
घटना से नाराज परिजन ने उमरबन के सरकार अस्पताल में हंगामा कर डॉक्टर के साथ मा दिया था।साथ ही ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है।
*धारा 304 के नियम प्रावधान*
आपको बता दें भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का केस चलता है. इस मामले में अगर कोई आरोपी दोषी पाया जाता है, तो अपराध की गंभीरता के आधार पर उसे आजीवन कारावास भी हो सकता है. आपको बता दें हत्या के सभी अपराध गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आते हैं.
*ऑपरेशन टेबल पर हुई महिला की मौत*
CMHO एनएस गेहलोद ने बताया, इंदौर के निजी अस्पताल करुणा मैटरनिटी नर्सिंग होम का अनुबंध सरकार से है। यहां के डॉक्टर बाकानेर और नालछा ब्लॉक में महीने में एक बार कैंप लगाकर ऑपरेशन करते हैं। 29 दिंसबर शुक्रवार को 86 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया। शिविर में आखिरी ऑपरेशन लक्ष्मीबाई बघेल का हो रहा था। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। मनावर सिविल अस्पताल में डॉक्टर पैनल डॉ. मोनिका चौहान, डॉ. सुनील कुरील और डॉ. वीरेन्द्र धारवे ने शव का पोस्टमॉर्टम किया था।
*भाई ने की थी डॉक्टरों पर FIR की मांग*
मृतक लक्ष्मी बघेल के भाई धर्मेंद्र चौहान ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों पर केस दर्ज करवाने की मांग की है। धर्मेंद्र ने बताया कि उमरबन के पास सुराणी में जीजा की छोटी किराना की दुकान है। बहन की शादी 2016 में हुई थी। उसके एक बेटा आयुष (2) और एक बेटी सोनाली (1) की है। दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए थे।29 दिंसबर शुक्रवार को ऑपरेशन के पहले बहन जीजा और घरवालों से बात कर रही थी। सोनाली को पास में बैठाकर खिला रही थी। उमरबन के शिविर में 86 महिलाओं के ऑपरेशन होने थे। लक्ष्मी का नंबर सबसे आखिरी था।
*इंजेक्शन लगाने बाद बेहोश हुई महिला*
घटना वाले दिन महिला का ऑपरेशन करने वाले इंदौर के डॉक्टर हेमंत कंसल का कहना है कि वह 12 साल से नसबंदी का ऑपरेशन कर रहे हैं। महिला लक्ष्मीबाई बघेल की दो बार ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी। ऐसे में ऑपरेशन करने में रिस्क होती है। इसलिए महिला को आखिरी में बुलाया था। पहले महिला को इंजेक्शन लगाया तो उसने थोड़ी देर बाद आंखें बंद कर ली। काफी कोशिश के बाद भी उसको होश नहीं आया। उसके बाद मौत हो गई। परिजनों को जब इसका पता चला तो हंगामा हो गया था।
*स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है सुविधाएं*
जनपद मुख्यालय उमरबन में करीब 4 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था। इस भवन का डिजिटल लोकार्पण 6 मार्च 2023 को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया था। उमरबन के आसपास करीब 30 ग्राम पंचायत जंगल में हैं। सीएचसी में लैब की सुविधा नहीं होने से मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। एक्स-रे, सोनोग्राफी, खून व पेशाब सहित अन्य बीमारियों के इलाज के लिए धामनोद, मनावर, बड़वानी, धार भेजा जाता है।
साथ ही उमरबन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में पोस्टमॉर्टम कक्ष भी नहीं है। परिजन को पोस्टमॉर्टम कराने 30 किलोमीटर दूर मनावर ले जाना पड़ता है।